लखनऊ। सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदेश की नदियों और जलाशयों की जलगुणता को बेहतर बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। यूपी में वर्ष 2023 की तुलना में वर्ष 2024 में जल शुद्धता में 68.8 फीसदी का सुधार हुआ है। प्रदेश में वर्तमान समय में स्थापित 152 एसटीपी में से 141 एसटीपी पूरे मानक पर संचालित हैं। मानकों के आधार पर संचालित नहीं हो रहे एसटीपी पर यूपीपीसीबी ने सख्त कार्रवाई करते हुए लगभग 11.79 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
योगी सरकार ने कई प्रभावी कदम उठाए
योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के माध्यम से नदियों और जलाशयों में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए है। जिसके फलस्वरूप गंगा, यमुना, गोमती जैसी पवित्र नदियों और जलाशयों के जलगुणवत्ता में सुधार हुआ है। केंद्र सरकार की नामामि गंगे और स्वच्छ भारत मिशन जैसी महात्वाकांक्षी परियोजनाओं को सीएम योगी ने बेहरत तरीके से पूरे प्रदेश में लागू किया। जिसका परिणाम अब दिखने लगा है।
READ MORE : यूपी की महिलाओं को मिला तोहफा : ऑपरेशन सिंदूर पर योगी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, खुशी से झूम उठेंगी महिलाएं
प्रदेश की सभी नदियों और जलाशयों में जलगुणवता में वर्ष 2023 की तुलना में वर्ष 2024 में जलगुणता में 68.8 फीसदी का सुधार हुआ है। यूपीपीसीबी द्वारा वर्ष 2024 में 176 स्थानों पर किये गये परीक्षणों में से 120 स्थानों पर जल शुद्धता में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया है। जो प्रदेश में जल शोधन और जल स्वच्छता के लिए किये गये प्रयासों की सफलता को प्रदर्शित कर रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नदियों के संरक्षण और जल प्रदूषण को रोकने के लिए गंगा, यमुना, गोमती जैसी प्रमुख नदियों के साथ-साथ छोटे जलाशयों की सफाई और संरक्षण पर विशेष जोर दिया है।
READ MORE : सीएम योगी का बड़ा ऐलान: अयोध्या-काशी की तरह भव्य बनेगा बाबा तामेश्वरनाथ धाम,, बोले- सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को मिलेगी मजबूती
सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश की नदियों और जलाशयों की स्वच्छता के लिए विशेष अभियान चलाये जा रहे हैं। जिस क्रम में विशेष ध्यान जल शोधन संयत्रों और सीवेज ट्रीटेमेंट प्लांट (एसटीपी) के संचालन और उनकी कार्यक्षमता पर दिया गया है। अप्रैल 2025 की स्थिति के अनुसार, प्रदेश में कुल 152 एसटीपी स्थापित हैं। इनमें से 141 एसटीपी संचालित हैं एवं 126 एसटीपी निर्धारित मानकों को पूरा कर रहे हैं।
READ MORE : UP सरकार ने बांके बिहारी मंदिर का बनाया ट्रस्ट : पूजा से लेकर सुरक्षा व्यवस्था तय करेंगे पदाधिकारी, जानिए कैसै होगी ट्रस्ट के सदस्यों की नियुक्ति
यूपीपीसीबी के आकंड़ों से स्पष्ट है कि जलगुणवत्ता में सुधार और एसटीपी के प्रभावी संचालन से नदियों में प्रदूषण का स्तर कम हुआ है। वर्तमान में 6 एसटीपी परिक्षण के दौर में हैं और 15 एसटीपी अभी अपनी पूरी क्षमता पर संचालित नहीं हैं, जो जल्द ही मानकों के अनुरूप संचालित होने लगेगें। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में अभी भी चुनौतियां बनी हुई हैं, जिन्हें दूर करने के लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन मिलकर काम कर रहे हैं। नमामि गंगे परियोजना के तहत सीवेज ट्रीटमेंट की क्षमता को बढ़ाया गया है। इसके अतिरिक्त, औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले अपशिष्ट को नियंत्रित करने के लिए कड़े नियम लागू किए हैं।
READ MORE : ‘बाबा’ हैं तो बेफिक्र रहिए… योगी सरकार ने 1200 जोड़ों की कराई शादी, फिर मुख्यमंत्री ने जो कहा…
यूपीपीसीबी ने मानकों का उल्लंघन करने वाले एसटीपी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की है। अक्टूबर 2022 से अप्रैल 2025 तक डिफॉल्टर एसटीपी पर कुल 11.79 करोड़ रुपये का पर्यावरणीय जुर्माना लगाया गया है। हालांकि, इस अवधि में अभी तक केवल 7.30 लाख रुपये की ही वसूली हो सकी है, यूपीपीसीबी ने जुर्माना वसूली प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने पर जोर दिया है।
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें