नई दिल्ली.  चुनावी मौसम में शिवसेना ने विवादित बयान दिया है. पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना में मांग की है कि बुर्के पर पाबंदी लगाई जाए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिवसेना ने मांग की है कि पूरे देश में बुर्के पर पाबंदी लगनी चाहिए. पार्टी का कहना है कि जिस तरह से श्रीलंका ने बुर्के पर पाबंदी लगाई है उसी राह पर चलते हुए भारत को भी बुर्के पर पाबंदी लगा देनी चाहिए. बता दें कि श्रीलंका की सरकार ने हाल ही में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद पूरे देश में बुर्के पर पाबंदी लगा दी थी. यह सिलसिलेवार बम धमाका इस्टर के मौके पर हुआ था, जिसमे तकरीबन 250 लोगों की जान चली गई थी.

  • पूरे देश में बुर्के पर पाबंदी

शिवसेना का कहना है कि सरकार को ना सिर्फ तीन तलाक बल्कि बुर्के पर भी पूरे देश में पाबंदी लगा देनी चाहिए. मुखपत्र सामना में छपे संपादकीय में पीएम मोदी से मांग की गई है कि अगर श्रीलंका रावण का देश होकर बुर्के पर पाबंदी लगा सकता है तो आखिर यह भारत में क्यों नहीं हो सकता है, जबकि भारत को राम का देश है. साथ ही शिवसेना ने गृह मंत्रालय को लिखा और मांग की है कि पूरी तरह से चेहरे को ढकने वाले बुर्के पर पाबंदी लगाई जाे. लोगों को नकाब पहनकर सार्वजनिक स्थलों, सरकार और प्राइवेट संस्थानों में जाने की इजाजत नहीं होनी चाहिए, भारत को भी श्रीलंका की राह पर चलना चाहिए, जैसा कि उसने हमलों से बचने के लिए कदम उठाया है.

  • गृह मंत्रालय को लिखा पत्र

गृह मंत्रालय को लिखे पत्र में शिवसेना की ओर से कहा गया है कि हम आपसे अपील करते हैं कि आप इस तरह की नीति बनाईए, जिससे कि भारत में इस तरह के आतंकी हमलों को टाला जा सके. हम आपसे अपील करते हैं कि आप नकाब पर पूरी तरह से देश में पाबंदी लगाएं, जिसमे महिलाएं अपने पूरे चेहरे को ढक लेती हैं. महिलाओं को सार्वजनिक स्थल और सरकारी, प्राइवेस संस्थानों में नकाब पहनने की इजाजत नहीं होनी चाहिए. इस तरह के नकाब की वजह से आतंकी अपना चेहरा छिपा लेते हैं और सीसीटीवी कैमरे में दिखाई नहीं देते हैं. श्रीलंका की सरकार ने पहले से ही इन नीति को लागू कर दिया है.

  • श्रीलंका में सीरियल धमाके

आपको बता दें कि इस्टर के मौके पर श्रीलंका में आधा दर्जन से अधिक सिलसिलेवार धमाके हुए थे, जिसमे 250 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि सैकड़ों लोग घायल हो गए थे. घटना के बाद श्रीलंका ने इस हमले के पीछे साजिशकर्ताओं को पकड़ने की धरपकड़ को तेज कर दिया और कई लोगों को गिऱफ्तार किया. साथ ही पूरे श्रीलंका में नकाब पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई थी.