महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद से हाशिये पर पहुचं चुकी उद्धव और राज ठाकरे की पार्टियां किसी तरह अपना अस्तित्व बचाने की कोशिश करते हुए दिखाई दे रही हैं। यही वजह है कि, दशकों से जुदा रहे दोनों चचेरे भाई अब गठबंधन करने की बात कह रहे है। इस बीच दोनों के मिलन पर एकनाथ गुट की शिवसेना का बड़ा बयान सामने आया है। शिवसेना नेता संजय निरुपम ने उद्धव ठाकरे के पतन का असली कारण बताया है और कहा है कि एक समय ऐसा आएगा कि पार्टी इतनी खाली हो जाएगी कि केवल आदित्य और उद्धव ही बचेंगे।

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‘जिससे हाथ मिलाते है, उसे डुबा देते है’

संजय निरुपम ने कहा, “महाराष्ट्र की राजनीति में उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी हाशिये पर जाकर खड़ी हुई है। उनकी नाव डगमगाती हुई नाव है। वो जिससे हाथ मिलाते है, उसे डुबा देते है। शरद पवार से हाथ मिलाया उनको 10 सीट पर ला दिया। कांग्रेस से हाथ मिलाया, उसे 16 सीट पर लाकर छोड़ दिया। अब किसी दूसरी पार्टी के साथ हाथ मिलाएंगे तो दूसरी पार्टी का बचा हुआ जन आधार भी खत्म हो जाएगा।

पतन की बताई वजह

संजय निरुपम ने शिवसेना यूबीटी के पतन का कारण बताते हुए कहा, “कि आज पार्टी की ये हालत ऐसी इसलिए है क्योंकि उन्होंने बालासाहेब ठाकरे के विचारों के साथ धोखा किया। उनका जनसंपर्क टूट गया, वो जनसामान्य के संपर्क के बीच नहीं रहते, वे भ्रष्टाचार की दुनिया में जीते है कि ज्यादा-से-ज्यादा पैसा बनाओ और प्रॉपर्टी बनाओं। ऐसा उनका आयोजन रहता है इसलिए उनकी पार्टी सिमटती जा रही है।”

उन्होंने कहा, “रोज उनकी पार्टी के प्रमुख लोग शिवसेना में शामिल हो रहे है। जब तक जिला परिषद का चुनाव आएगा। तब तक पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे और उनके सुपुत्र आदित्य ठाकरे पार्टी में अकेले ही बचेंगे और कोई नहीं।”

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अस्तिस्व बचाने आखिरी दांव

बता दें कि, राज ठाकरे की MNS और उद्धव गुट की शिव सेना दोनो ही अपनी अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। बात करें पिछले साल संपन्न हुए विधानसभा चुनाव की तो 288 सीटों वाले महाराष्ट्र में राज ठाकरे ने अपने 125 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे जिनमें उनके बेटे भी शमित थे। लेकिन उनकी पार्टी एक सीट भी नहीं जीत पाई। पार्टी को इस चुनाव में सिर्फ 1.8% ही वोट मिले थे। वहीं बात करें उद्धव गुट की शिव सेना की तो एक समय महाराष्ट्र पर राज करने वाले बालासाहब ठाकरे के सुपुत्र की झोली में जनता ने मात्र 20 सीटें ही डाली। वे अपनी मूल पार्टी से पहले ही हाथ धो बैठे हैं। ऐसे में अपनी डूबती राजनीति को बचाने चचेरे भाइयों को एक दूसरे का ही सहारा है।

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बेंगलुरु भगदड़ पर बोले निरुपम

बेंगलुरु में मची भगदड़ पर शिवसेना नेता संजय निरुपम ने मुंबई में हुई विक्ट्री परेड का उदाहरण दिया। बेंगलुरु भगदड़ पर शिवसेना नेता संजय निरुपम का कहना है, “मैं इन लोगों को याद दिलाना चाहता हूं कि पिछले साल हमने मुंबई में ऐसा ही जश्न मनाया था, उस साल करीब 10 गुना ज्यादा लोग आए थे, लेकिन किसी को खरोंच तक नहीं आई, क्योंकि मुंबई पुलिस को इसका पहले से ही अंदाजा था और उसने हर तरह के इंतजाम किए थे।”

संजय निरुपम ने मामले की जांच की मांग करते हुए कहा, “पूरे मामले की जांच होनी चाहिए और जांच के बाद अगर सरकार का कोई मंत्री जिम्मेदार पाया जाता है, तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए।”

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