Starlink Internet Price India: अब देश के दूरदराज के गांवों से लेकर पहाड़ी इलाकों तक ब्रॉडबैंड की पहुंच आसान होने जा रही है. केंद्र सरकार ने स्पेसएक्स को भारत में स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए जरूरी टेलीकॉम लाइसेंस दे दिया है. हालांकि, अब कमर्शियल लॉन्च से पहले सिर्फ IN-SPACe (इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर) की अनुमति मिलना बाकी है.

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क्या है स्टारलिंक और क्यों है खास?

स्टारलिंक, स्पेसएक्स का एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, जो लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में स्थापित हजारों सैटेलाइट्स के ज़रिए इंटरनेट कनेक्टिविटी मुहैया कराता है. यह तकनीक खासतौर पर उन इलाकों के लिए वरदान साबित हो सकती है, जहां ऑप्टिकल फाइबर या मोबाइल नेटवर्क अभी तक नहीं पहुंच पाया है—जैसे दूरदराज के गांव, जंगल, पहाड़ या सीमावर्ती इलाके.

स्टारलिंक प्लान की कीमत क्या होगी?

हालांकि कंपनी ने अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई प्लान डिटेल जारी नहीं की है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स और Reuters के सूत्रों के मुताबिक, स्टारलिंक की शुरुआती योजना ₹840 प्रति माह में अनलिमिटेड डेटा उपलब्ध कराने की हो सकती है. यानी कम कीमत पर हाई-स्पीड, लो-लेटेंसी इंटरनेट—वो भी बिना किसी फाइबर वायर या टावर के.

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लाइसेंस मिलने में इतनी देरी क्यों हुई?

स्टारलिंक 2022 से ही भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रही थी. लेकिन सरकार ने सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर कड़ा रुख अपनाया. स्टारलिंक को कॉल इंटरसेप्शन, डेटा स्टोरेज, और यूज़र प्राइवेसी जैसे मुद्दों पर भारत सरकार की शर्तें माननी पड़ीं. इसके बाद मई 2025 में कंपनी को ‘लेटर ऑफ इंटेंट’ मिला और अब उसे टेलीकॉम विभाग का औपचारिक लाइसेंस भी मिल गया है.

इससे आम लोगों को क्या मिलेगा?

स्टारलिंक का सबसे बड़ा फायदा देश के ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों को होगा. अब ऑनलाइन शिक्षा, टेलीमेडिसिन, डिजिटल बैंकिंग, और ई-कॉमर्स जैसी सेवाएं उन गांवों में भी आसानी से उपलब्ध होंगी, जहां पहले नेटवर्क नहीं पहुंच पाता था. इसके साथ ही इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे ग्राहकों को बेहतर और सस्ते विकल्प मिल सकेंगे.

Starlink Internet Price India: स्टारलिंक का अगला कदम क्या है?

स्टारलिंक अब IN-SPACe की अंतिम अनुमति और ट्रायल स्पेक्ट्रम का इंतजार कर रही है. सूत्रों की मानें तो कंपनी को अगले 15 से 20 दिनों में ट्रायल की अनुमति मिल सकती है. इसके बाद स्टारलिंक भारत में अपनी कमर्शियल सेवा शुरू कर सकती है.

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मस्क के लिए भारत क्यों खास है?

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट यूजर मार्केट है. ऐसे में स्टारलिंक के लिए यह बहुत बड़ा अवसर है. अमेरिकी राजनीति में उथल-पुथल के बीच भारत में स्थिरता और विकसित हो रहा डिजिटल मार्केट, मस्क की रणनीति में अहम भूमिका निभा सकता है.

सैटेलाइट इंटरनेट कैसे काम करता है?

स्टारलिंक सिस्टम में एक डिश एंटीना, वाई-फाई राउटर, पावर केबल, और माउंटिंग ट्राइपॉड शामिल होता है. यूज़र को इसे खुले आसमान के नीचे रखना होता है ताकि यह सीधे सैटेलाइट से कनेक्ट हो सके. इसके लिए Android और iOS पर Starlink App उपलब्ध है, जो इंस्टॉलेशन से लेकर नेटवर्क मॉनिटरिंग तक की सुविधा देता है.

IN-SPACe की क्या भूमिका है?

IN-SPACe संस्था की स्थापना जून 2020 में की गई थी और यह भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के अधीन काम करती है. इसका उद्देश्य देश में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना और निजी कंपनियों की भागीदारी को विनियमित करना है. यही संस्था अब भारत में स्टारलिंक को अंतिम मंजूरी देगी.

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