ओड़िशा. प्रचंड तूफान के रूप में बदल चुके चक्रवाती तूफान फनी ने ओडिशा में शुक्रवार को सुबह 8 बजे के करीब दस्तक दे दी है. रिपोर्ट के अनुसार तूफान की रफ्तार 200 किलो मीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा है. सबसे पहले यह पुरी के तट से टकराया. ओडिशा के प्रभावित इलाकों में इस समय तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है. फनी से तबाही की आशंका को देखते हुए पहले ही 10 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा चुका है. माना जा रहा है कि 20 साल बाद ऐसा तूफान आया है. फिलनहाल ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में पूरी तरह से अलर्ट जारी कर दिया गया है.

Fani का कहर देखिए इस वीडियो में

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10 हजार गांव और 52 शहर

एक अनुमान के मुताबिक, करीब 10 हजार गांव और 52 शहर इस भयानक तूफान के रास्ते में आएंगे. राहत कामों के लिए एनडीआरएफ की 28, ओडिशा डिजास्टर मैनेजमेंट रैपिड ऐक्शन फोर्स की 20 यूनिट और फायर सेफ्टी डिपार्टमेंट के 525 लोग तैनात कर दिए गए हैं. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की 302 रैपिड रेस्पॉन्स फोर्स टीम तैनात की गई हैं. फिलहाल नुकसान को लेकर अभी तक कोई अपडेट नहीं है.

6 घंटे बेहद अहम

रिपोर्ट के अनुसार तूफान पहुंचने के शुरूआती 4 से 6 घंटे बेहद अहम माने जा रहे हैं. इस दौरान फनी प्रभावित इलाकों में तबाही मचा सकता है. खासतौर से कच्चे घरों या कमजोर इमारतों को नुकसान हो सकता है. बिजली के खंभे गिरने और तूफान की वजह से उड़ने वाली वस्तुओं से भी खतरा रहेगा. 6 घंटे बाद फनी का असर कम होने लगेगा. इसके पहले पीएम मोदी ने भी गुरुवार को एक उच्च स्तरीय बैठक कर साइक्लोन फोनी के लिए तैयारी की समीक्षा की.

20 साल बाद ऐसा तूफान

इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) के आधिकारी ने बताया कि 1999 के सुपर साइक्लोन के बाद यह पहली बार होगा, जब राज्य इतने भीषण तूफान का सामना करेगा. 1999 में आए सुपर साइक्लोन में 10 हजार लोगों की जान चली गई थी. उस तूफान की रफ्तार 270-300 किलोमीटर प्रति घंटा की थी.

रेलवे की 103 ट्रेनें कैंसल, बाढ़ से हालात

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प्रभावित इलाकों से होकर गुजरने वाली रेलवे की 103 ट्रेनें कैंसल की जा चुकी हैं. इससे ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में यातायात पर असर पड़ने की संभावना है. हालांकि प्रभावित इलाकों से बाहर निकालने के लिए कुछ स्पेशल ट्रेनों को लगाया गया है.

चुनाव आयोग ने हटाई आचार संहिता

उधर, चुनाव आयोग ने बचाव और राहत कार्यों की सुविधा के लिए ओडिशा के 11 जिलों से आदर्श आचार संहिता हटा ली है. इसके अलावा आयोग ने गजपति और जगतसिंहपुर जिलों के चार विधानसभा क्षेत्रों के ईवीएम को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने को भी मंजूरी दे दी है.