उत्तर प्रदेश सरकार की पारदर्शी प्रशासनिक कार्यप्रणाली को सशक्त रूप देते हुए रविवार को राजधानी लखनऊ स्थित परिकल्प भवन में एक ऐतिहासिक और सुचारु स्थानांतरण प्रक्रिया सम्पन्न हुई. जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की अध्यक्षता में सिंचाई विभाग (यांत्रिक) के अधीक्षण अभियंताओं, अधिशासी अभियंताओं, सहायक अभियंताओं और अवर अभियंताओं के स्थानांतरण की प्रक्रिया न केवल पूरी पारदर्शिता के साथ पूरी की गई, बल्कि यह प्रशासनिक उत्तरदायित्व के प्रति सरकार की सजगता का भी प्रमाण भी बनी.

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जलशक्ति मंत्री ने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा है कि हर प्रकार की नियुक्ति, पदस्थापन और स्थानांतरण की कार्यवाही बिना किसी पक्षपात, दबाव और मनमानी के पूरी पारदर्शिता के साथ की जाए. यही कारण है कि अभियंताओं से उनके ऐच्छिक विकल्प आमने-सामने बैठकर लिए गए और उनके द्वारा चुने गए विकल्प के आधार पर स्थानांतरण आदेश अलग से निर्गत किए जाएंगे.

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परिकल्प भवन के सभागार में आयोजित स्थानांतरण कार्यक्रम में सिंचाई विभाग (यांत्रिक) के 19 अधिशासी अभियंताओं, 86 सहायक अभियंताओं और 244 अवर अभियंताओं को बुलाया गया और उन्हें अपने इच्छित तैनाती स्थलों के विकल्प प्रस्तुत करने का अवसर दिया गया. इस प्रक्रिया में डिजिटल प्रणाली, विभागीय नियमावली और वरिष्ठता-अनुसार न्यायपूर्ण प्राथमिकता का पालन किया गया.

जलशक्ति मंत्री ने इसे पारदर्शिता का जीवंत उदाहरण बताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार की स्पष्ट नीति है कि बिना किसी दबाव या भेदभाव के, योग्यता और विकल्पों के आधार पर स्थानांतरण किया जाएगा, किसी के साथ अन्याय नहीं होगा. उन्होंने कहा कि सरकार जनता की सेवा और विभागीय उत्तरदायित्व को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है. इस प्रक्रिया में सहभागिता और पारदर्शिता का जो स्तर सुनिश्चित किया गया है, वह पूरे देश में आदर्श प्रस्तुत करता है.

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मंत्री ने सभी अभियंताओं से अपील की कि वे अपने कार्यस्थलों पर पूरी दक्षता, प्रतिबद्धता और निष्पक्षता के साथ कार्य करें. उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग का मूल उद्देश्य है किसानों के खेतों तक समय से पानी पहुंचाना और उनकी आय की वृद्धि में सहयोग देना. जलशक्ति मंत्री ने विशेष जोर देते हुए कहा कि हमारा प्रत्येक कार्य किसानों के हित में होना चाहिए. उनकी को निर्बाध रूप से सिंचाई की सुविधा उपलब्ध रहे. इसके लिए हमें योजनाओं को समयबद्ध तरीके से और गुणवत्ता के साथ पूरा करना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि अवर अभियंता विभाग की नींव होते हैं वे न केवल परियोजनाओं को धरातल पर उतारते हैं, बल्कि विभाग की साख का निर्माण भी उन्हीं के आचरण से होता है. ऐसे में उन्हें संयम, सेवा भावना और उच्च तकनीकी मानकों के साथ काम करना चाहिए.

जलशक्ति मंत्री ने सभी अभियंताओं को आगाह करते हुए कहा कि कार्यों में किसी भी प्रकार की ढिलाई, अनियमितता या अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने सभी से अपेक्षा की कि वे समय से निर्माण कार्य पूरा करें और हर योजना का ग्राउंड इम्पैक्ट सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि विभागीय कार्यों में पारदर्शिता और गुणवत्ता ही पहचान बने इसके लिए हर स्तर पर जवाबदेही तय की जा रही है. अभियंताओं को तकनीकी दक्षता के साथ-साथ व्यवहार में भी आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए. उनका आचरण जनता, किसानों और सरकार तीनों के विश्वास का प्रतीक होना चाहिए.