रायपुर। छत्तीसगढ़ में पहली बार शासकीय स्कूलों के कक्षा आठवीं और नौवीं के बच्चों की उपलब्धियों में सुधार के लिए निखार कार्यक्रम शुरू किया गया है. जो बच्चों नौवीं क्लास पहुंच चुके हैं, लेकिन पढ़ाई में कमजोर हैं. उन्हें 69 दिन का नया कोर्स पढ़ाया जाएगा, ताकि वे नौवीं के स्तर के बन सकें. यह पाठ्यक्रम तीन फेस में होगा. इसकी शुरूआत उन दस जिलों से की जा रही है जो नेशनल अचीवमेंट सर्वे में कमजोर अंके गए हैं.
प्रथम चरण में राज्य के दस जिलों बीजापुर, कांकेर, महासमुन्द, गरियाबंद, रायपुर, दुर्ग, बलौदाबाजार, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा और कोरबा में ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान मास्टर्स ट्रेनर्स तैयार किए जा रहे हैं.
नियमित कक्षाओं में कुल दो सौ घंटों की कक्षाएं 69 दिनों लगेंगी. पहले फेस के 18 दिनों में फाउंडेशन कोर्स होगा. इसमें प्रतिदिन एक – एक घंटे की हिन्दी, अंग्रेजी, गणित एवं विज्ञान के पीरीयड होंगे. यानी 72 घंटों की पढ़ाई होगी. इसमें बेहतर स्तर के बच्चे अपने से कम स्तर के बच्चों के साथ मिलकर अपनी कमजोरी समझकर दूर करेंगे. इसके बाद दूसरे फेस में कक्षा 5, 6 व 7 के बच्चों के लिए 45 दिनों तक प्रतिदिन 2 घंटे 15 मिनट की कक्षा अर्थात अंग्रेजी, गणित एवं विज्ञान के लिए 45 मिनट का समय दिया जाएगा. स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी ने कहा कि आकलन के बाद सबसे महत्वपूर्ण कार्य बच्चों की स्थिति में सुधार के ईमानदार प्रयास करना है.