Rahu and Ketu Astrology Effects: वैदिक ज्योतिष में राहु और केतु को “छाया ग्रह” कहा जाता है. ये भले ही भौतिक रूप से अस्तित्व में न हों, लेकिन कुंडली में इनका प्रभाव गहरा और रहस्यमय होता है. ये ग्रह अचानक परिवर्तन, भ्रम, विदेश, रहस्य, और कर्मो से जुड़ी घटनाओं को नियंत्रित करते हैं.

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कब देते हैं अचानक धन लाभ? (Rahu and Ketu Astrology Effects)

1. यदि राहु 3rd, 6th, 10th या 11th भाव में शुभ ग्रहों के साथ हो, तो वह व्यक्ति को अचानक पैसा, नाम और शोहरत देता है.

    2. केतु अगर 9th या 12th भाव में हो और उसे गुरु या चंद्रमा से शुभ दृष्टि मिल रही हो, तो यह व्यक्ति को अध्यात्म और विदेशी संपर्कों से धन लाभ दिला सकता है.

    3. राहु की महादशा में विदेशी नौकरी, शेयर मार्केट, या अनपेक्षित माध्यमों से आमदनी बढ़ सकती है.

    कब होता है भारी नुकसान? (Rahu and Ketu Astrology Effects)

    1. यदि राहु 2nd या 8th भाव में अशुभ ग्रहों के साथ हो, तो यह व्यक्ति के धन, रिश्तों, और मानसिक शांति पर नकारात्मक असर डाल सकता है.

    2. केतु यदि 5th या 7th भाव में हो और उसे शुक्र या चंद्रमा से पाप दृष्टि मिल रही हो, तो यह वैवाहिक जीवन और संतान सुख में अड़चन पैदा कर सकता है.

    3. केतु की दशा में भ्रम, गलत निर्णय, और आध्यात्मिक उलझनें बढ़ती हैं, जिससे आर्थिक नुकसान हो सकता है.

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