अभिषेक सेमर, तखतपुर. क्षेत्र के किसानों को खाद के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ सहकारी समितियों में खाद की किल्लत है तो दूसरी ओर खाद-बीज की दुकानों में किसानों को खाद देने के बदले में कीटनाशक और अन्य अनावश्यक उत्पाद भी दबाव पूर्वक बेचे जा रहे हैं। यदि किसान इन्हें लेने से मना कर देते हैं तो उन्हें खाद नहीं दिया जाता है। इस मामले में कृषि विभाग के अधिकारी ने नियमों का हवाला देकर इसे गलत बताया मगर जब कार्रवाई के विषय में पूछा गया तो वे बगलें झांकने लगे।

तखतपुर क्षेत्र के किसानों को खाद की दुकानों में खाद के साथ अन्य उत्पाद लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। खाद की किल्लत के बीच किसान जब निजी कृषि केंद्रों में खाद के लिए जाते हैं तो उन्हें फटेरा झाइम, जिंक और एंजाइम जैसे अनावश्यक उत्पाद जबरदस्ती लेने के लिए बाध्य किया जा रहा है। किसान जब इन उत्पादों को आवश्यकता नहीं है कहकर लेने से मना करते हैं तो दुकानदार उन्हें खाद देने से मना कर दे रहे हैं। मजबूरी में किसानों को लगभग हजार रुपए के कीटनाशक और अन्य उत्पाद खरीदने पड़ रहे हैं। इससे किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।

कृषि केंद्र संचालकों के हौसले इतने बुलंद है कि वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी की बातों को भी दरकिनार कर दिया जा रहा है। ऐसे ही एक मामले में विजयपुर का एक किसान जब तखतपुर के नया बस स्टैंड के पास किसान सेवा केंद्र नामक दुकान में खाद लेने गया तो उस पर फटेंरा और जिंक सहित कीटनाशक लेने के लिए दबाव बनाया गया। उसने मना करते हुए वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी को सूचना दी। अधिकारी किसी कैंप में थे फिर भी उन्होंने किसान सेवा केंद्र के अटेंडर से बात कर आपत्ति जताई। उसके बाद भी किसान को बिना कीटनाशक खरीदे खाद देने से मना करते हुए वापस भेज दिया गया। इससे समझा जा सकता है कि किसान सेवा केंद्र के संचालक को अधिकारियों का भी भय नहीं है और वे अपनी मर्जी से ही काम करेंगे।

अन्याय पर अंकुश नहीं लगा तो सीएम से करेंगे शिकायत

कृषि केंद्रों से किसानों को जबरदस्ती अनावश्यक उत्पाद बेचने के मामले में भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष विश्वनाथ यादव का कहना है कि किसान काफी परेशान हैं। सोसाइटी में खाद की किल्लत है। किसानों को खाद नहीं मिल रहे हैं। उस पर निजी खाद भंडार मालिक किसानों को अनावश्यक रूप से कीटनाशक और अन्य दवाएं लेने के लिए बाध्य कर रहे हैं। यह सरासर गलत है। किसान हमारे पास शिकायत लेकर आ रहे हैं। हम कई बार कृषि विभाग के अधिकारियों को इस विषय से अवगत करा चुके हैं, लेकिन उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। हम अधिकारियों से इस अन्याय पर अंकुश लगाने की मांग करते हैं। अंकुश नहीं लगने पर हम मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगे.

बिना पॉश मशीन बेच रहे खाद

शासन के निर्देशानुसार सभी खाद दुकान संचालकों को खाद केवल पॉश मशीन के एंट्री करके ही बेचना है, लेकिन पिछले एक जून से पॉस मशीन और पिछले एक महीने से मोबाइल एंट्री ऐप भी बंद है तो फिर खाद की बिक्री कैसे की जा रही है। पुरानी पॉस मशीन को एनआईसी द्वारा लॉक कर दिया गया है और नई पॉश मशीन 1 जुलाई को मिलेगी। ऐसे में शासन का पॉश मशीन से खाद बेचने के नियम का पालन कहां और कैसे हो रहा है। नाम न छापने की शर्त पर एक दुकानदार ने बताया कि हम किसानों के जमीन के कागज और आधार कार्ड लेकर खाद दे रहे हैं। बाद में जब पॉस मशीन आयेगा तो उसमें एक एक कर एंट्री कर देंगे, लेकिन उन्होंने इसका जवाब नहीं दिया कि बायो मेट्रिक पंचिंग कैसे करेंगे।

गलत काम करने वालों पर होगी कार्रवाई

इस मामले में वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी एके सत्यपाल का कहना है कि इस मामले की जानकारी मिली है। यह गलत है। मेरे पास निरीक्षण का अधिकार नहीं है। निरीक्षकों को निरीक्षण कर कार्रवाई करने के लिए कहा है। उनके द्वारा दिए गए निरीक्षण टीप के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

कृषि केंद्र संचालकों से मांगा जाएगा जवाब

डिप्टी डायरेक्टर कृषि बिलासपुर पीडी हाथेश्वर का कहना है कि हमारा सख्त निर्देश है कि किसी भी किसान को यूरिया, डीएपी या पोटाश के साथ किसी भी प्रकार की अतिरिक्त अन्य सामग्री नहीं देना है। यदि ऐसा हो रहा है तो गलत है। एक लेटर जारी करके संबंधितों से जवाब मांगा जाएगा। साथ ही निरीक्षकों को सख्त निर्देश दिया गया है कि लगातार निरीक्षण करें और नियमित रिपोर्टिंग करें। पॉस मशीन के बिना सामान बेचना सख्त मना है। यदि किसी वजह से पॉस मशीन नहीं चल रही है तो उसे सुधरवाएं या बदलें। विक्रय केवल पॉस मशीन से ही होना है।