दिल्ली. आम चुनावों के दौरान खादी के कुर्ता-पजामा, अंगोछा, गमछा की मांग काफी बढ़ी है और यही वजह है कि मार्च में समाप्त वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान खादी का कारोबार इससे पिछले वर्ष के मुकाबले करीब 29 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि के साथ 3,215 करोड़ रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया.
खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने यह जानकारी देते हुए कहा कि पिछले पांच साल की यदि बात की जाए तो 2013-14 के बाद खादी के कारोबार में चार गुणा वृद्धि दर्ज की गई है. वर्ष 2013-14 में खादी का कारोबार 811 करोड़ रुपए रहा था, जो कि 2018-19 में समाप्त वित वर्ष में 3,215 करोड़ रुपए पर पहुंच गया.
बीते वित्त वर्ष में आम चुनावों को देखते हुए खादी के कपड़ों की मांग अच्छी रही है. उन्होंने कहा कि गर्मी का मौसम होने की वजह से नेताओं और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को धूप और गर्मी में काम करना पड़ता है. गर्मी के मौसम में खादी का कपड़ा ज्यादा पहना जाता है. यह धूप और गर्मी में आरामदायक होता है. स्वास्थ्य के लिहाज से भी खादी के कपड़े अनुकूल और फायदेमंद बताए गए हैं. केवीआईसी के चेयरमैन ने कहा कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, उत्तर प्रदेश और बिहार सहित देश के तमाम राज्यों में खादी के कपड़ों और खासतौर से सिलेसिलाए कपड़ों की मांग तेजी से बढ़ी है.