राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश में आदिवासियों की स्थिति और पट्टे को लेकर कांग्रेस नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर निशाना साधा है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव और CWC मेम्बर कमलेश्वर पटेल ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
विकास के बजाय धर्म की राजनीति
उमंग सिंघार ने कहा कि-आरएसएस आदिवासी क्षेत्रों में सक्रिय है, यहां धर्म परिवर्तन की बातें की जा रही हैं। आदिवासी सूर्य, पेड़-पौधे, पशु-पक्षियों की पूजा करता आया है, लेकिन बीजेपी आदिवासी इलाकों में धर्म की राजनीति ले जाना चाह रही है।
विकास के बजाय धर्म की राजनीति कर रही है। आदिवासी क्षेत्रों में जमीन की बन्दरवाट हो रही है। आदिवासियों की जमीनें दूसरों को दी जा रही हैं। 3 लाख आदिवासी और अन्य वर्ग के पट्टे खारिज किए गए है। कमलनाथ सरकार ने सवा तीन लाख पट्टे बांटे, बीजेपी सत्ता में आई तो तुरंत रोक दिए।
नेपानगर में बड़ा आंदोलन होगा
उमंग सिंघार ने कहा- नेपानगर में 8 हजार पट्टे खारिज किए गए, बिना नोटिस दिए, हितग्राही से पूछे बगैर पट्टे खारिज किए गए। फॉरेस्ट गार्ड 10 हजार लेकर जंगल कटवा देते हैं। आदिवासी कभी जंगल नहीं काटता, जंगल काटने की जांच हो। 40 साल से काबिज लोगों से पट्टा नहीं छीना जा सकता है। सरकार सेटेलाइट इमेज भी नहीं निकालना चाहती। आदिवासियों से लेकर बीजेपी के लोगों को पट्टा दिया जा रहा है। घर तोड़े जा रहे, फसलों पर ट्रैक्टर चलाया जा रहा है। 15 दिन में सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया तो नेपानगर में बड़ा आंदोलन होगा।
आदिवासी लगातार पट्टा मांग रहे
अरुण यादव ने कहा-50 साल पुराने पट्टे निरस्त किए जा रहे हैं। परिवार के बच्चों को जमीनें ट्रांसफर नहीं की जा रही है। आदिवासी लगातार पट्टा मांग रहे हैं, लेकिन दिए नहीं जा रहे है। आज भी साढ़े 6 लाख आवेदन पेंडिंग हैं। मांग पूरी नहीं हुई तो कांग्रेस बड़ा आंदोलन करेगी।
किसी बड़े उद्योगपति की नजर
कमलेश्वर पटेल ने कहा- ग्राम सभा के नियम दरकिनार किए जा रहे हैं। पेसा एक्ट का भी उल्लंघन किया जा रहा है। आदिवासी वर्ग के संसाधनों पर किसी बड़े उद्योगपति की नजर है। सरकार उसी के तहत कार्रवाई कर रही है।

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