हकिमुद्दीन नासिर, महासमुंद। राज्य में रेत के अवैध उत्खनन को लेकर बढ़ती हिंसा, गोलियां चलने, चाकूबाजी और मारपीट की घटनाओं के बीच अब राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने गुरुवार को महासमुंद जिले के बरबसपुर रेत घाट का दौरा कर अवैध रूप से भंडारित रेत का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा।

मीडिया से बातचीत करते हुए दीपक बैज ने कहा, “छत्तीसगढ़ में इस समय रेत माफियाओं का राज चल रहा है। बरबसपुर में 50 से 100 एकड़ जमीन में रेत का अवैध भंडारण किया गया है और प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है। ऐसा लगता है जैसे हम राजस्थान में हैं, ना कि छत्तीसगढ़ में। यहां रेत का पहाड़ बना दिया गया है। यह जंगलराज नहीं तो और क्या है?”

उन्होंने आरोप लगाया कि इस पूरे रैकेट में सरकार और प्रशासन दोनों की मिलीभगत है और कांग्रेस इस मामले को गंभीरता से ले रही है। आगामी विधानसभा सत्र में यह मुद्दा सदन में जोरशोर से उठाया जाएगा।

जानकारी के मुताबिक, बरबसपुर में तीन व्यक्तियों को 8,000 घन मीटर रेत भंडारण की अनुमति दी गई थी, लेकिन मौके पर 62,000 घन मीटर से अधिक रेत भंडारित पाई गई। खनिज विभाग ने हाल ही में कार्रवाई करते हुए 43 निजी भूमि मालिकों और 14 शासकीय भूखंडों पर अवैध रूप से भंडारित रेत के लिए 2 करोड़ 18 लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है। साथ ही, रेत भंडारण की अनुज्ञा भी रद्द कर दी गई है। खनिज विभाग के सहायक खनिज अधिकारी के अनुसार, रेत माफिया दोबारा उठाव न कर सकें, इसके लिए क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी गई है और जल्द ही अस्थायी चौकी स्थापित की जाएगी।

प्रशासन ने सिर्फ 17 स्थानों पर दी है रेत भंडारण की अनुमति

बहरहाल, सवाल यह उठता है कि आखिर किसके संरक्षण में रेत माफिया इतने बड़े पैमाने पर महानदी का सीना चीरकर हजारों घन मीटर रेत का अवैध भंडारण कर लेते हैं, और खनिज विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगती। महासमुंद जिले में यह तो सिर्फ एक स्थान की स्थिति है, जबकि प्रशासन ने जिले में 17 स्थानों पर रेत भंडारण की अनुमति दी है। उन बाकी जगहों की वास्तविक स्थिति क्या है, यह तो विस्तृत जांच के बाद ही सामने आ सकेगा।

गौरतलब है कि आज निरीक्षण के पीसीसी अध्यक्ष दौरान दीपक बैज के साथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष रश्मि चंद्राकर, पूर्व संसदीय सचिव विनोद चंद्राकर, नगरपालिका अध्यक्ष निखिलकांत साहू, युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष अमन चंद्राकर समेत दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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