रायपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 22 और 23 जून को छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे। इस दौरान शाह नया रायपुर में बनने जा रहे नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) के कैंपस और फॉरेंसिक लैब का भूमिपूजन करेंगे। साथ ही वे प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा बैठकें करेंगे और नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के सुरक्षा कैंप में जवानों से मुलाकात कर सीधे संवाद भी करेंगे। जानिए अमित शाह का मिनट टू मिनट कार्यक्रम।

पहला दिन – 22 जून 2025 (रविवार)
- दोपहर 1:40 बजे केंद्रीय गृह मंत्री शाह रायपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे।
- दोपहर 2:00 बजे नया रायपुर के सेक्टर-2, बंजारी में NFSU कैंपस और फॉरेंसिक लैब का भूमिपूजन करेंगे। यह कैंपस लगभग 40 एकड़ में विकसित किया जाएगा।
- इसके बाद दोपहर 2:50 बजे वे होटल मेफेयर, रायपुर पहुंचेंगे।
- दोपहर 3:15 से शाम 4:15 बजे तक NFSU/CFSL से जुड़े कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
- शाम 4:20 से 6:20 बजे तक प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठकें करेंगे।
- शाम 6:50 से रात 7:50 बजे तक छत्तीसगढ़ में सुरक्षा परिदृश्य पर समीक्षा बैठक होगी।
- रात्रिभोज और विश्राम होटल मेफेयर में निर्धारित है।
दूसरा दिन – 23 जून 2025 (सोमवार)
- सुबह 11:00 बजे वे रायपुर से BSF हेलिकॉप्टर द्वारा नारायणपुर के लिए रवाना होंगे।
- दोपहर 12:15 बजे BSF कैंप, इरकभट्टी (नारायणपुर) पहुंचेंगे।
- इसके बाद सड़क मार्ग से नेल्लानार गांव पहुंचकर ग्रामीणों से सीधे संवाद करेंगे।
- दोपहर 1:45 बजे BSF कैंप लौटकर दोपहर का भोजन करेंगे।
- दोपहर 2:20 से 3:20 बजे तक सुरक्षा बलों के जवानों से संवाद करेंगे।
- इसके बाद वे रायपुर एयरपोर्ट के लिए रवाना होंगे और शाम 4:30 बजे दिल्ली लौट जाएंगे।
NFSU कैंपस और अत्याधुनिक फॉरेंसिक लैब की नींव रखेंगे गृह मंत्री शाह

बता दें कि नवा रायपुर में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) का कैंपस और अत्याधुनिक फॉरेंसिक लैब स्थापित किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का भूमिपूजन 22 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा किया जाएगा। इस परियोजना के लिए राज्य सरकार ने नया रायपुर के सेक्टर-2 में 40 एकड़ भूमि आवंटित की है। केंद्र सरकार लगभग ₹350 से ₹400 करोड़ की लागत से इस संस्थान की इमारतों और अन्य आधारभूत संरचनाओं का निर्माण कराएगी। यह कैंपस पूरी तरह समर्पित फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के रूप में कार्य करेगा।
हाल ही में लागू किए गए नए आपराधिक कानून, भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत फॉरेंसिक साइंस की उपयोगिता काफी बढ़ गई है। खासकर उन मामलों में, जिनमें सात साल या उससे अधिक की सजा होती है, फॉरेंसिक प्रमाण और जांच अब अनिवार्य मानी जा रही है। ऐसे में NFSU का यह कैंपस राज्य के युवाओं के लिए नए शैक्षणिक और रोजगार अवसर खोलेगा।
एनएफएसयू के करीब ही फोरेंसिक लैब
इसके अलावा, विश्वविद्यालय परिसर से सटी 6 से 7 एकड़ भूमि पर एक आधुनिक फॉरेंसिक लैब भी बनाई जाएगी। दोनों परियोजनाओं का एक साथ भूमिपूजन अमित शाह द्वारा किया जाएगा।
जब तक स्थायी कैंपस का निर्माण कार्य पूरा नहीं होता, तब तक एक ट्रांजिट कैंपस के माध्यम से इसी शैक्षणिक सत्र से पढ़ाई प्रारंभ कर दी जाएगी। ट्रांजिट कैंपस की शुरुआत की तैयारी अंतिम चरण में है। यह संस्थान न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे मध्य भारत के लिए एक प्रमुख फॉरेंसिक और अनुसंधान केंद्र के रूप में उभरेगा, जिससे क्षेत्रीय न्याय व्यवस्था को मजबूती मिलेगी और वैज्ञानिक जांच को बढ़ावा मिलेगा।
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