राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश में पदोन्नति नियम के लिए सरकार ने हाईकोर्ट में कैविएट लगाई है। कर्मचारी संगठनों के अदालत जाने की चेतावनी को देखते हुए कैविएट लगाई है। यह कैविएट सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने लगाई है।
हाईकोर्ट की जबलपुर मुख्यपीठ के साथ ग्वालियर और इंदौर खंडपीठों में कैविएट दायर की गई है।

अग्रिम जानकारी महाधिवक्ता कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए

बता दें कि गुरुवार को लोक सेवा पदोन्नति नियम 2025 जारी हुए हैं। सपाक्स संगठन ने इन नियमों के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाने का ऐलान किया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने हाईकोर्ट से अनुरोध किया है कि यदि कोई पदोन्नति नियम या उसके किसी प्रावधान को चुनौती देता है तो अग्रिम जानकारी महाधिवक्ता कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए, ताकि कोई आदेश पारित होने से पहले सरकार अदालत में अपना पक्ष रख सके।

पदोन्नति की प्रक्रिया भी शुरू

इधर, पदोन्नति के नियम लागू होते ही प्रदेश में पदोन्नति की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार विभागीय पदोन्नति समिति के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सबसे पहले सामान्य प्रशासन विभाग की डीपीसी की प्रक्रिया शुरू करेगा, ताकि अन्य विभाग इस गाइडलाइन के आधार पर पदोन्नति दे सकें।

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लोकसेवा पदोन्नति नियम-2025

हर डीपीसी में आरक्षित वर्ग का अफसर होगा। सीधी भर्ती वाले पदों पर एससी-एसटी को 16-20% रिजर्वेशन होगा। सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने प्रमोशन से जुड़े नियम जारी किए है। गजट नोटिफिकेशन भी हुआ है। नियमों में कहा गया है कि सीधी भर्ती के पदों में एससी-एसटी वर्ग को 16 और 20 फीसदी आरक्षण दिए जाने का प्रावधान है। इसलिए सरकार प्रमोशन में भी इन्हें इसी आधार पर आगे बढ़ने का मौका देने के लिए प्रतिबद्ध है।

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