दिल्ली हाईकोर्ट(Delhi High Court) ने बर्खास्त सब इंस्पेक्टर नरेश कुमार (Naresh Kumar)की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है, जिन पर एक अंतरराज्यीय ड्रग सिंडिकेट का मास्टरमाइंड होने का आरोप है. जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह ने इस मामले में दिल्ली पुलिस से 8 जुलाई तक स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने आरोपी की याचिका खारिज करते हुए उसकी गिरफ्तारी में हो रही देरी पर भी नाराजगी व्यक्त की.

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दिल्ली पुलिस के अनुसार, आरोपी नरेश कुमार पिछले डेढ़ साल से फरार है और उसे इस वर्ष 20 मार्च को सेवा से बर्खास्त किया गया था. नरेश कुमार दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के एंटी-एक्सटॉर्शन एंड किडनैपिंग सेल में कार्यरत था. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने एक ड्रग तस्कर को गिरफ्तार किया, जिसने पूछताछ के दौरान नरेश कुमार का नाम दिल्ली पुलिस की नारकोटिक्स सेल के सामने लिया.

आरोपी तस्कर ने खुलासा किया कि नरेश कुमार इस ड्रग रैकेट का मुख्य साजिशकर्ता है. वह उड़ीसा और पूर्वोत्तर राज्यों से बड़ी मात्रा में गांजा मंगवाता था, जिसे वह दिल्ली में अपने दो घरों में छिपाकर रखता था. इसके बाद, यह गांजा दिल्ली में सप्लाई किया जाता था.

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दिल्ली की अदालत पहले भी कर चुकी है याचिका खारिज

इस वर्ष मार्च में, दिल्ली की एक अदालत ने आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका को तीसरी बार खारिज कर दिया है. अदालत ने यह निर्णय देते हुए कहा कि आरोपी पर लगाए गए आरोप अत्यंत गंभीर हैं. नरेश कुमार ने 1990 में दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी और उन्होंने अपने 34 साल के पुलिस सेवा में से एक दशक क्राइम ब्रांच में बिताया.