रोहित कश्यप, मुंगेली। जिले में नान घोटाले 2.0 को उजागर करते हुए लल्लूराम डॉट कॉम ने 82 PDS दुकानों में 12,000 क्विंटल चावल की शॉर्टेज की खबर को प्रमुखता से उठाया था. इस घोटाले पर अब जिला कांग्रेस कमेटी ने फूड सेक्रेटरी से लेकर चीफ सेक्रेटरी तक पत्राचार करने के साथ सड़क की लड़ाई लड़ने की बात कही है.
जिला अध्यक्ष घनश्याम वर्मा ने कहा कि यह बहुत बड़ा मामला है, जिसे लल्लूराम डॉट कॉम न्यूज़ ने उठाया है. फूड सेक्रेटरी से लेकर चीफ सेक्रेटरी तक हम पत्राचार करेंगे, जरूरत पड़ने पर सड़क की लड़ाई भी लड़ेंगे. जिला अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि विभाग ने आंकड़ा सार्वजनिक नहीं किया, जिससे पता चलता कि किस दुकान में कितना- कितना शॉर्टेज आया. यह आंकड़ा गोपनीय रखा गया, जिससे विभागीय अफसरों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं?

क्या है पूरा मामला
जनवरी 2025 में 82 PDS दुकानों की फिजिकल जांच में लगभग 12,000 क्विंटल चावल गायब पाया गया, जिसकी अनुमानित कीमत 5–5.5 करोड़ रुपए है. कांग्रेस का आरोप है कि इस मामले में दुकान संचालकों के साथ विभागीय अफ़सरों का भी सांठ-गांठ है, तभी इतना बड़ा स्कैम हो गया और कार्रवाई कुछ भी नहीं. सिर्फ नोटिस जारी किए गए और कुछ मामलो को एसडीएम कोर्ट भेजा गया, लेकिन एफआईआर, जब्ती, निलंबन, लाइसेंस रद्दीकरण या रिकवरी में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.
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भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करने की कही थी बात
इसके पहले इस नान घोटाले 2.0 पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने लल्लूराम डॉट कॉम से चर्चा में कहा था कि अगर घोटाला हुआ है, तो किसी को बख्शा नहीं जाएगा. हमारी सरकार भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेगी. लेकिन छह महीने बीतने के बाद भी सूचना और कार्रवाई अधिकतर कागजी ही नजर आ रही है, जिससे जनता में असंतोष बढ़ रहा है.
आखिर क्यों आ रही है बड़े घोटाले की बू
जिले में नान घोटाले 2.0 का सवाल इसलिए उठ रहा है, क्योंकि जब कमी भौतिक रूप से सत्यापित हो चुकी है, तो फिर दोषियों के नाम और शॉर्टेज आंकड़े क्यों गोपनीय रखा जा रहा है. क्या यह केवल मुंगेली तक सीमित मामला है, या राज्यव्यापी पीडीएस प्रणाली में संरचनात्मक भ्रष्टाचार सामने आएगा? इसके अलावा एफआईआर, रिकवरी या अन्य सख्त कार्यवाही कब और कैसे होगी?
कांग्रेस ने दी चेतावनी
कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि पत्राचार के साथ-साथ सार्वजनिक विरोध और पारदर्शिता की मांग जारी रहेगी. जनता की निगाह अब इस बात पर है कि क्या पूर्वाज्ञा में दिए गए उपमुख्यमंत्री के कड़े शब्दों का असर कार्रवाई में भी दिखाई देगा, यह देखने वाली बात होगी. मुंगेली पीडीएस चावल कांड सिर्फ चावल की कमी नहीं है, यह प्रशासनिक जवाबदेही, पारदर्शिता और राज्य में भरोसे की परीक्षा बन चुका है. कांग्रेस की सख्त टिप्पणियाँ प्रशासन को चुनौती दे रही है.
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