Rajasthan News: जिले के मलारना स्टेशन स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में लापरवाही की चौंकाने वाली घटना सामने आई है। गुरुवार शाम एक गर्भवती महिला को अस्पताल के बाहर खुले में ही बच्चे को जन्म देना पड़ा क्योंकि अस्पताल में ताले लगे हुए थे और स्टाफ नदारद था।
इस शर्मनाक घटना के बाद जिला कलेक्टर ने सख्त रुख अपनाते हुए PHC प्रभारी सचिन शर्मा को निलंबित कर दिया और ANM किरण कुमारी को एपीओ कर दिया है। साथ ही पूरे मामले की जांच के लिए सीईओ की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी गई है, जो अपनी रिपोर्ट जल्द ही जिला कलेक्टर को सौंपेगी।

ताले के बाहर, सड़क पर हुआ प्रसव
जानकारी के अनुसार, बिलोली निवासी कुंती देवी पत्नी दिलखुश मोग्या को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन मलारना स्टेशन के PHC लेकर पहुंचे। लेकिन वहां पहुंचने पर देखा कि अस्पताल बंद था और कोई भी चिकित्सकीय स्टाफ मौके पर मौजूद नहीं था। इस बीच प्रसव पीड़ा बढ़ने लगी, परिजन मदद के लिए इधर-उधर दौड़ते रहे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार, परिजनों में मौजूद एक महिला ने हिम्मत दिखाते हुए सड़क किनारे ही डिलीवरी कराई।
108 एम्बुलेंस ने निभाई मानवता
डिलीवरी के बाद भी अस्पताल का कोई भी कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। मजबूर होकर परिजनों ने 108 एम्बुलेंस को सूचना दी। थोड़ी देर में एम्बुलेंस पहुंची और मां-बच्चे को मलारना डूंगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में भर्ती कराया गया, जहां दोनों का इलाज चल रहा है।
चिकित्सा तंत्र पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर सरकारी दावों और जमीनी हकीकत के बीच की खाई को उजागर कर दिया है। चिकित्सा विभाग की लापरवाही ने न केवल सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी, बल्कि मानवता को भी शर्मसार कर दिया।
घटना के वक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) अनिल कुमार जैमिनी शहर से बाहर थे। हालांकि जिला प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत कार्रवाई की और अब पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जांच शुरू हो चुकी है।
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