पुरुषोत्तम पात्रा. गरियाबंद. सुपेबेड़ा समेत 9 गांवों की सुविधाओं के लिए बन रहे महत्वपूर्ण पुल और पेयजल योजना की प्रगति जांचने पहुंचे कलेक्टर भगवान सिंह उईके को स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का चौंकाने वाला खुलासा हुआ. किडनी रोगियों के लिए तैनात एंबुलेंस और डायलिस जनरेटर के पेट्रोल-डीजल बिल के 3.50 लाख रुपये का भुगतान पिछले तीन माह से लटका है, जिससे पेट्रोल पंप ने आपूर्ति बंद कर दी है. साथ ही, किडनी रोगियों को मिलने वाली दवाएं भी अब उपलब्ध नहीं हो रही हैं, जिससे मरीजों को या तो खुद दवा खरीदनी पड़ रही है या स्थानीय जीवनदीप समिति से मदद लेनी पड़ रही है.

पुल निर्माण में तेजी लाने के निर्देश
कलेक्टर ने तेल नदी के सेनमुडा घाट पर 10 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे 325 मीटर लंबे पुल का निरीक्षण किया. यह पुल 9 गांवों की आवाजाही के लिए महत्वपूर्ण है. बारिश से पहले पुल को लोकार्पित करने के लिए ठेका कंपनी गणपति कंस्ट्रक्शन को शेष कार्य और रंग-रोगन जल्द पूरा करने का निर्देश दिया. हाल ही में डायवर्शन मार्ग बहने से ग्रामीणों ने पुल पर आवाजाही की मांग को लेकर हंगामा किया था, जिसके बाद कलेक्टर ने दुपहिया वाहनों को आवागमन की छूट दी.

पेयजल योजना में देरी पर सख्ती
जल जीवन मिशन के तहत सुपेबेड़ा और 9 गांवों के लिए 8.50 करोड़ रुपये की सामुदायिक पेयजल योजना का काम मार्च 2025 तक पूरा होना था, लेकिन प्रगति धीमी है. कलेक्टर ने निर्माणाधीन ओवरहेड टैंक, सप्लाई सेंटर और पाइपलाइन का जायजा लिया और तीन माह में काम पूरा करने का सख्त निर्देश दिया. देरी होने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी.
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर कलेक्टर नाराज
सुपेबेड़ा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कलेक्टर ने मरीजों और डॉक्टरों से मुलाकात की. डॉक्टरों ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री द्वारा हरी झंडी दिखाकर शुरू की गई एंबुलेंस का भी बकाया भुगतान नहीं हुआ है. कलेक्टर ने इन मुद्दों को गंभीरता से लेते हुए भुगतान संबंधी समस्याओं को तत्काल टीएल बैठक में उठाने का आश्वासन दिया.
स्थानीय मरीज जीवन आडील ने बताया कि दवाओं की कमी के कारण उनकी परेशानी बढ़ गई है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की इस लापरवाही पर सवाल उठ रहे हैं. कलेक्टर ने सभी समस्याओं के समाधान के लिए त्वरित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है.