रायपुर। छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने रायपुर कलेक्टर के नाम से एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है. संघ की ओर से निलंबित तहसीलदार संजय राठौर सहित अन्य तहसीलदारों-नायब तहसीलदारों के खिलाफ एकपक्षीय निलंबन की कार्रवाई पर आपत्ति जताते हुए बहाली की मांग की है.

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छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने अपने ज्ञापन में कहा कि प्रदेश के समस्त तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार राजस्व प्रशासन के समस्त दायित्वों का निर्वहन अत्यंत कठिन परिस्थितियों में कर रहे हैं. प्रकरणों की सुनवाई के लिए वाचक, कम्प्यूटर ऑपरेटर, एवं तकनीकी सहयोग की आवश्यकता रहती है, जो तहसीलों में उपलब्ध नहीं है.

इसके अलावा सामान्य प्रशासनिक कार्य जैसे आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र, त्रुटि सुधार, जनदर्शन, जनशिकायत टीएल एवं स्वामित्व योजना आदि सभी पूर्णतः ऑन लाइन है, परंतु निकराकरण की प्रक्रिया में सहयोग हेतु स्टाफ एवं कम्प्यूटर आपरेटरों की भारी कमी है. यही नहीं अधिकांश तहसीलों में शासकीय वाहन, ईंधन एवं ड्राइवर उपलब्ध नहीं है.

यही नहीं कई बार बिना समुचित न्यायिक प्रक्रिया के पालन के सिर्फ शिकायत या पोर्टल पर प्राप्त शिकायत-आवेदन के आधार पर तहसीलदार- नायब तहसीलदारों के विरूद्ध सुनवाई का अवसर दिए बिना ही अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है. जिला सूरजपुर के तहसीलदार संजय राठौर के निलंबन की कार्रवाई का उदाहरण देते हुए इसे न्यायाधीश संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत बताया.

संघ ने अंत में शासन से एक सप्ताह के भीतर तहसीलदार संजय राठौर को बहाल करने के साथ इसी तरह इसके पूर्व में भी अनुचित रूप से निलंबित किए गए अन्य तहसीलदार – नायब तहसीलदारों की वास्तविक परिस्थियों की समीक्षा कर उचित न्यायिक प्रक्रिया के पश्चात् बहाली की कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की है. इसके साथ आगे जांच प्रक्रिया में सुनवाई के अवसर दिए बिना निलंबन-एफआईआर दर्ज नहीं करने की बात कही गई है.