Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया को लेकर एक बड़ा और अहम फैसला लिया है। अब इन स्कूलों में दाखिले के लिए लॉटरी की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। पहले जहां सीमित सीटों के लिए आवेदन करने वाले छात्रों के बीच लॉटरी के जरिए चयन किया जाता था, अब उसमें बदलाव कर दिया गया है।

सरकार ने यह निर्णय सीटें खाली रहने और अधिक छात्रों को अवसर देने की दृष्टि से लिया है। नए नियमों के तहत अब अभिभावक पूरे शैक्षणिक सत्र के दौरान कभी भी आवेदन कर सकेंगे। यानी अब दाखिला प्रक्रिया हिंदी माध्यम स्कूलों की तर्ज पर होगी।
पहले आओ, पहले पाओ आधार पर मिलेगा एडमिशन
इस साल लॉटरी प्रक्रिया में राज्यभर के 3,737 स्कूलों ने हिस्सा लिया था, जिसमें 50,657 छात्रों ने कुल 78,205 स्कूल विकल्प चुने थे। लॉटरी में चयनित छात्रों को 25 जून तक रिपोर्टिंग करनी थी। अब जो सीटें खाली रह गई हैं, उन पर 6 जुलाई के बाद सीधे प्रवेश दिया जाएगा। ये प्रवेश “पहले आओ, पहले पाओ” के सिद्धांत पर आधारित होंगे।
कक्षा 9 से 12 तक सीमित अवधि में ही मिलेगा प्रवेश
हालांकि कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए दाखिला सिर्फ हिंदी माध्यम स्कूलों की निर्धारित अंतिम तिथि तक ही लिया जा सकेगा। यह सीमा इसलिए रखी गई है ताकि उच्च कक्षाओं की शैक्षणिक व्यवस्था में व्यवधान न आए।
अभिभावकों की मांग को मिला सम्मान
शिक्षा विभाग ने यह कदम अभिभावकों की लगातार आ रही मांग और स्कूलों में कम आवेदन तथा खाली सीटों की स्थिति को देखते हुए उठाया है। इससे न केवल रिक्त सीटें भरने में आसानी होगी, बल्कि अधिक से अधिक बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा पाने का अवसर भी मिलेगा।
सरकार का यह निर्णय शिक्षा को अधिक लचीला और सुलभ बनाने की दिशा में एक सकारात्मक पहल माना जा रहा है। अब उन छात्रों को भी मौका मिलेगा जो किसी कारणवश पूर्व में आवेदन नहीं कर पाए थे। इससे राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का स्तर और ऊंचा उठाने की उम्मीद है।
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