क्या म्यूचुअल फंड्स में ऐसा कोई राज़ है जिससे बिना ज़्यादा जोखिम लिए बेहतर रिटर्न कमाया जा सकता है? जवाब है – हां. और यही राज है TREPS. म्यूचुअल फंड्स निवेश की एक ऐसी तकनीक का इस्तेमाल करते हैं, जो कम जोखिम में भी अच्छा मुनाफा दिला सकती है.

अगर आप SIP या म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो TREPS को समझना आपके लिए बेहद ज़रूरी है. यह न सिर्फ आपकी वित्तीय जानकारी को बढ़ाएगा, बल्कि यह भी बताएगा कि फंड मैनेजर हर एक रुपये का उपयोग कितनी होशियारी से करते हैं.

Also Read This: 1 जुलाई से आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असर: पैन कार्ड, ATM और रेलवे से जुड़े ये 5 बड़े नियम बदलेंगे, समय पर नहीं समझे तो होगा नुकसान

TREPS क्या होता है?

TREPS का पूरा नाम है Tri-Party Repo, यानी ‘ट्रेज़री बिल्स रीपरचेज’. यह एक शॉर्ट टर्म लोन व्यवस्था है, जिसमें म्यूचुअल फंड्स अपनी अतिरिक्त नकदी को कुछ समय के लिए सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश कर देते हैं. एक संस्था, सरकार द्वारा गारंटीकृत ट्रेज़री बिल्स को गिरवी रखकर दूसरी संस्था से पैसा लेती है और तय तारीख को ब्याज सहित उसे वापस करती है.

इस पूरी प्रक्रिया में जोखिम बहुत कम होता है क्योंकि लेन-देन सरकारी सिक्योरिटी के विरुद्ध होता है.

Also Read This: ये अकाउंट आपके लिए है खजाना: फ्री इंश्योरेंस, शॉपिंग डील्स और जीरो बैलेंस जैसी शानदार सुविधाएं, जानिए 10 बड़े फायदे

म्यूचुअल फंड्स के लिए TREPS क्यों ज़रूरी है?

मान लीजिए किसी फंड के पास अचानक अतिरिक्त कैश आ गया — जैसे SIP या बड़े निवेश से. उस पैसे को तुरंत बाज़ार में नहीं लगाया जा सकता. ऐसे में फंड मैनेजर उस रकम को कुछ दिनों के लिए TREPS में पार्क कर देते हैं. इससे दो बड़े फायदे होते हैं.

  1. पैसा बेकार नहीं जाता.
  2. सुरक्षित तरीके से उस पर ब्याज के रूप में रिटर्न मिल जाता है.

Also Read This: बांग्लादेश में कट्टरपंथियों ने मां दुर्गा का मंदिर तोड़ा, भारत ने यूनुस सरकार को लगाई लताड़

TREPS कैसे फायदेमंद है?

  1. Liquidity का मास्टर टूल: म्यूचुअल फंड्स को किसी भी समय निवेशकों को पैसा लौटाना पड़ सकता है. ऐसे में TREPS से तात्कालिक कैश निकालना बेहद आसान होता है.
  2. Portfolios को मिलता है सुरक्षा कवच: TREPS की मदद से फंड मैनेजर को अपने लॉन्ग टर्म निवेश (जैसे इक्विटी या डेट फंड्स) अचानक बेचने की ज़रूरत नहीं पड़ती.
  3. बेहतर रिटर्न पर फोकस: जब बाज़ार में ब्याज दरें ऊंची होती हैं, तब TREPS खाली पड़ी नकदी पर भी अच्छा रिटर्न देता है. यानी Idle money भी काम में आता है.
  4. SEBI की गारंटी: SEBI के नियमानुसार, सभी म्यूचुअल फंड्स को अपनी तरलता (liquidity) बनाए रखने के लिए TREPS में कुछ हिस्सा निवेश करना अनिवार्य है. इससे पारदर्शिता और निवेशकों को सुरक्षा मिलती है.

Also Read This: प्रेमी के साथ आपत्तिजनक हालत में पकड़ी गई चार बच्चों की मां, पंचायत ने दी तालिबानी सजा ; 10 घंटे तक रस्सी से बांधकर रखा, लगाया भारी जुर्माना

कौन करता है TREPS का इस्तेमाल?

सिर्फ म्यूचुअल फंड्स ही नहीं, बल्कि बैंक, बीमा कंपनियां, NBFCs (गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाएं) और यहाँ तक कि सरकारें भी TREPS का उपयोग करती हैं. भारत के मनी मार्केट में इसे भरोसेमंद और सुरक्षित टूल माना जाता है.

निवेशकों के लिए TREPS को समझना क्यों ज़रूरी है?

अगर आप SIP, ELSS, लिक्विड फंड या अल्पकालिक म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं, तो आपके रिटर्न के पीछे TREPS की बड़ी भूमिका हो सकती है. यह आपकी निवेश यात्रा को जोखिम रहित बनाता है और फंड मैनेजर को रणनीतिक लचीलापन प्रदान करता है.

TREPS एक ऐसा अनदेखा लेकिन अत्यंत प्रभावशाली टूल है, जो म्यूचुअल फंड्स को देता है सुरक्षा, तरलता और स्मार्ट कैश मैनेजमेंट. यह हर उस निवेशक के लिए ज़रूरी जानकारी है, जो अपने पैसों की हर गतिविधि को समझदारी से ट्रैक करना चाहता है.

Also Read This: कोलकाता में लॉ कॉलेज की छात्रा से गैंगरेप; पूर्व छात्र और दो कर्मचारी ने मिलकर कॉलेज में ही वारदात को दिया अंजाम, फिर सुर्खियों में ममता का बंगाल