रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट बैठक में राज्य सरकार ने एक अहम निर्णय लेते हुए रिडेवलपमेंट योजना के अंतर्गत प्रदेश के विभिन्न विभागों, निगमों, मंडलों, कंपनियों और बोर्डों की जर्जर सरकारी इमारतों और अनुपयोगी शासकीय जमीनों के विकास को हरी झंडी दे दी है। मंत्रिपरिषद ने इस योजना के तहत राज्यभर में कुल 7 प्रमुख विकास योजनाओं को मंजूरी प्रदान की है, जिनमें राजधानी रायपुर के दो बहुचर्चित क्षेत्रों शांतिनगर और बीटीआई शंकरनगर को भी शामिल किया गया है।

बता दें कि सरकार की इस पहल का उद्देश्य लंबे समय से खाली पड़ी या खराब हालत में मौजूद सरकारी संपत्तियों का बेहतर और योजनाबद्ध उपयोग करना है। इन इलाकों को नए सिरे से बसाकर आवासीय, वाणिज्यिक या संस्थागत परिसरों के रूप में तैयार किया जाएगा, जिससे न सिर्फ शहरी ढांचे को मजबूती मिलेगी, बल्कि राज्य को आर्थिक लाभ भी होगा।

रिडेवलपमेंट योजना के तहत स्वीकृत 7 प्रमुख प्रोजेक्ट

  • शांतिनगर, रायपुर
  • बीटीआई शंकरनगर, रायपुर
  • कैलाश नगर, राजनांदगांव
  • चांदनी चौक फेस-2, जगदलपुर
  • सिविल लाइन, कांकेर
  • क्लब पारा, महासमुंद
  • कटघोरा और कोरबा

गौरतलब है कि इन सभी स्थानों पर या तो पुराने सरकारी भवन जर्जर हालत में हैं या फिर जमीन उपयोग में नहीं ली जा रही है। सरकार का उद्देश्य है कि इन संपत्तियों का व्यवस्थित विकास किया जाए ताकि राज्य को आर्थिक लाभ मिले और नागरिकों को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर भी मिले। खासतौर पर राजधानी रायपुर में शांतिनगर और बीटीआई शंकरनगर जैसे ठप पड़े प्रोजेक्ट्स को फिर से शुरू करना सरकार की विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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