शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बना रेलवे ओवरब्रिज 90 नहीं बल्कि 119 डिग्री हैं। एमपी के पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने खुद यह बात कही है। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट आ गई है, ब्रिज 90 डिग्री नहीं 119 डिग्री है। मंत्री ने कहा कि रेलवे से बातचीत कर ब्रिज को सुधारा जाएगा। निर्माण का खर्चा पीडब्ल्यूडी की तरफ से किया जाएगा।

दरअसल, मंगरवार (1 जुलाई) को लोक निर्माण विभाग की ओर से पौध रोपड़ महाअभियान चला गया। चिनार उद्यान में लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने पौधा रोपण कर अभियान की शुरुआत की। इस दौरान बीजेपी विधायक भगवानदास सबनानी समेत विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

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जांच कमेटी ने दी रिपोर्ट

मीडिया से चर्चा करते हुए पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश ने कहा कि ब्रिज 90 डिग्री नहीं 119 डिग्री है, जांच रिपोर्ट आ गई है। इस मामले में हमने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। ऐसा नहीं है कि ऐसी कार्रवाई कर के हम संतुष्ट हैं, आने वाले समय में इसकी पुर्नवृत्ति ना हो। इस मामले में जो भी दोषी अधिकारी थे, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दी है, उसका बेहतर तरीके से परीक्षण किया जा रहा है।

रेलवे के साथ बनाया जा रहा तालमेल

राकेश सिंह ने कहा कि रेलवे के साथ भी तालमेल बनाया जा रहा है, रेलवे से बातचीत करके ब्रिज को सुधारा जाएगा। ऐसा डिजाइन बनाएंगे की कोई दिक्कत ना आए। हाई लेवल कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ब्रिज में बदलाव किया जाएगा। ब्रिज को सुधारने के लिए जो भी जरूरी है वो कदम उठाए जाएंगे। निर्माण का खर्चा पीडब्ल्यूडी की तरफ से किया जाएगा।

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संपतिया उइके मामले को लेकर कही ये बात

वहीं संपतिया उइके मामले पर कहा कि मीडिया में ही यह लिखा हुआ है कि सारे आरोप निराधार हैं। वहीं पौधारोपण महाअभियान को लेकर बताया कि हमने पूरे प्रदेश में आज के दिन पौधारोपण का अभियान तय किया है। पहले 1 लाख पौधे पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा लगाए जाने की बात हुई थी, अब यह तय हुआ है कि ढाई लाख पौधे लगाए जाएंगे। पौधों की सेटेलाइट मॉनिटरिंग की जाएगी।

समय सीमा से एक साल पीछे चल रहा प्रोजेक्ट

गौरतलब है कि भोपाल के ऐशबाग में 18 करोड़ की लागत से रेलवे ओवरब्रिज बनाया गया है। इसका निर्माण कार्य 21 मई 2022 को शुरू हुआ था। यह प्रोजेक्ट अपनी समय सीमा से लगभग 1 साल पीछे चल रहा है। 17 करोड़ 37 लाख की लागत वाले ब्रिज का निर्माण अगस्त 2024 में पूरा करना था। लेकिन जून 2025 में भी इसे बनाने की प्रक्रिया जारी है। इसकी लंबाई 648 मीटर है और चौड़ाई 8 मीटर है, जिसमें 70 मीटर लंबा रेलवे का हिस्सा है।

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CM डॉ मोहन का एक्शन, 2 CE समेत 7 इंजीनियर सस्पेंड

यह ब्रिज अजीबोगरीब मोड़ की वजह से सुर्खियों में है। इस पर जमकर सियासत भी हो रही है। वहीं मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कड़ा कदम उठाते हुए लोक निर्माण विभाग के 8 इंजीनियर्स के खिलाफ कार्रवाई की। दो सीई सहित सात इंजीनियर्स को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया और एक सेवानिवृत एसई के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।

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