पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) के सीनियर लीडर और पंजाब के कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, उन्होंने साफ कर दिया कि, वे पार्टी में बने रहेंगे.

आम आदमी पार्टी सरकार ने अपने तीन साल के कार्यकाल में सातवीं बार कैबिनेट में फेरबदल किया है. इस दौरान लुधियाना पश्चिम से नवनिर्वाचित विधायक संजीव अरोड़ा को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है. अरोड़ा ने पंजाब के राज्यपाल की मौजूदगी में राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में मंत्री पद की शपथ ली.

कुलदीप धालीवाल ने कहा, “2013 में मैं अपने बच्चों को छोड़कर पंजाब के लिए लड़ने के लिए अमेरिका से आया था. उस दिन से लेकर आज तक मैंने कभी छुट्टी नहीं ली और लगातार पार्टी के लिए काम कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि, वे वैसे नेता नहीं हैं जो सिर्फ विभागों के पीछे भागते हैं.

कुलदीप सिंह धालीवाल ने इस निर्णय के पीछे का कारण बताते हुए कहा कि उनके लिए पंजाब की जनता और राज्य का हित सर्वोपरि है, न कि कोई पद या विभाग उनके लिए कोई मायने रखता है. इस इस्तीफे के साथ ही उन्होंने पार्टी के प्रति अपनी वफादारी को भी दोहराया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भी के आम आदमी पार्टी के साथ बने रहेंगे और पंजाब के लिए काम करना जारी रखेंगे.

‘मैं आम आदमी पार्टी के साथ हूं’, कुलदीप सिंह

धालीवाल ने कहा आप नेता कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि उन्होंने अपनी मर्जी से मंत्री पद से इस्तीफा दिया है. उनक लिए पंजाब सबसे पहले है. पद और विभाग महत्वपूर्ण नहीं हैं. कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा, “मुझे बताया गया कि किसी और को मौका दिया जाएगा, तो मैंने कहा हां, जरूर मौका मिलना चाहिए, इसलिए मैंने इस्तीफा दिया है.. कोई दिक्कत नहीं है… मैं पार्टी के साथ हूं.”

उन्होंने आगे कहा कि, वे अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान दोनों को लंबे समय से जानते हैं. उन्होंने अमेरिका सिर्फ केजरीवाल के लिए छोड़ा था और साल 1992 से भगवंत मान से दोस्ती बनी हुई है. उन्होंने पद से इस्तीफा देने के बाद आगे कहा कि, पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे वह पूरा करेंगे.

कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि, वे आम आदमी पार्टी के वफादार सिपाही हैं. वह हमेशा केजरीवाल और भगवंत मान का ऋणी रहेंगे. उन्होंने कहा कि, केजरीवाल और भगवंत मान ने उन्हें साढ़े तीन साल कैबिनेट में काम करने का मौका दिया.

उन्होंने कहा कि, पंजाब के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी. जिस तरह से उन्होंने पिछले दस सालों से पार्टी के लिए काम किया है, उसी तरह आगे भी करते रहेंगे.