शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के चर्चित मामले में आज एक अहम सुनवाई होने जा रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की विशेष अदालत में सौरभ शर्मा, शरद जायसवाल और चेतन सिंह गौर पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोप तय करने पर बहस होगी। इन तीनों आरोपियों को परिवहन विभाग में अवैध वसूली के जरिए करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित करने का आरोप है।
आरोप तय करने पर होगी बहस
आज की सुनवाई में आरोप तय करने पर बहस होगी, जिसमें अभियोजन और बचाव पक्ष अपने तर्क पेश करेंगे। इस मामले में सौरभ और उनके सहयोगियों की जमानत याचिकाएं पहले खारिज हो चुकी हैं, और ईडी ने जेल में पूछताछ के लिए विशेष अनुमति भी मांगी है। इस केस ने मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार और काले धन की गहरी जड़ों को उजागर किया है, और सभी की नजरें आज की सुनवाई पर टिकी हैं।
लोकायुक्त, ईडी, और आयकर विभाग की संयुक्त कार्रवाइयों में सौरभ शर्मा के ठिकानों से 52 किलो सोना, 234 किलो चांदी, 11 करोड़ रुपये नकद, और 93 करोड़ से अधिक की संपत्ति बरामद की गई थी। जांच में सामने आया है कि सौरभ ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर फर्जी कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की और अवैध रूप से अकूत संपत्ति बनाई।
सौरभ शर्मा ने 2015 में अनुकंपा नियुक्ति के आधार पर परिवहन विभाग में शुरू की थी नौकरी
सौरभ शर्मा ने 2015 में अनुकंपा नियुक्ति के आधार पर परिवहन विभाग में नौकरी शुरू की थी और 2023 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। इस दौरान उन्होंने विभिन्न चेकपॉइंट्स और कार्यालयों में काम करते हुए कथित तौर पर भ्रष्टाचार के जरिए यह संपत्ति अर्जित की। ईडी ने 8 अप्रैल 2025 को विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें सौरभ समेत 12 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
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