प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट को लेकर सवाल खडे़ किए हैं. कोर्ट ने योगी सरकार से 3 हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ और न्यायमूर्ति अवनीश सक्सेना की खंडपीठ ने मिर्जापुर निवासी विजय सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया. विजय सिंह के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
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बता दें कि गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे को लेकर विजय सिंह ने याचिका लगाई थी. याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जांच में सहयोग की शर्त पर याची की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है. साथ ही सवाल खड़े किए कि भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 में संगठित अपराधों को नियंत्रित करने के लिए विस्तृत प्रावधान किए गए हैं, तो फिर उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एक्ट की अब क्या आवश्यकता रह गई है?
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याचिकाकर्ता विजय सिंह के वकील ने सुनवाई के दौरान दलीली दी कि जिन मामलों के आधार पर गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया है, उन मामलों में जमानत पर रिहा हैं. ये मुकदमा राजनीतिक द्वेष की वजह से किए गए हैं. हालांकि, राज्य सरकार के वकील ने कहा कि विजय सिंह इस मुकदमे में संगठित रूप से शामिल हैं. मामले में कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा, बीएनएस में संगठित अपराध को लेकर व्यापक व्यवस्था मौजूद है, तो गैंगस्टर एक्ट के तहत की जा रही अलग कार्रवाई विधिक दृष्टिकोण से तार्किक नहीं लगती.
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