Shubhanshu Shukla Axiom 4 Mission: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की धरती पर वापसी का काउंटडाउन शुरू हो गया है। शुभांशु शुक्ला का स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन 28 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धरती की तरफ बढ़ रहा है। एक्सिओम-4 मिशन का स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन करीब 18 दिन बाद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से जुदा होकर धरती की ओर तेजी से बढ़ रहा है। करीब 23 घंटे के सफर के बाद उनका ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट दोपहर 3 बजे कैलिफोर्निया के तट पर स्प्लैशडाउन होगा। रिएंट्री के वक्त उनके स्पेसक्राफ्ट का तापमान करीब 2,500°C तक पहुंच जाएगा।

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 देश भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। वहीं हर जोखिम को पार करते हुए आज वह घड़ी आएगी, जब इस मिशन का हर क्रू सुरक्षित धरती पर कदम रखेगा।

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चारों एस्ट्रोनॉट एक दिन पहले 14 जुलाई को शाम 4:45 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से पृथ्वी के लिए रवाना हुए थे। ये स्पेसक्राफ्ट 263 किलो से ज्यादा कार्गो के साथ वापस आ रहा है। इसमें नासा का हार्डवेयर और 60 से ज्यादा प्रयोगों का डेटा शामिल होगा। यह अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

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शुभांशु शुक्ला का स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन धरती की ओर फिलहाल 28 हजार किलोमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है। हालांकि जब यह बहुत करीब आ जाएगा तो स्पीड कम कर दी जाएगी। अगर कैप्सूल के तापमान की बात करें तो इसकी बाहरी सतह पर हीट शील्ड 2000 डिग्री सेल्सियस तक तापमान सहन कर रही है।

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इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से रवाना होने से पहले शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम।

सुरक्षित वापसी से पहले मंडरा रहे चिंता के बादल

दरअसल मिशन की शुरुआत में पहले फाल्कन 9 रॉकेट में लिक्विड ऑक्सीजन लीक हुई, फिर ड्रैगन कैप्सूल के सिस्टम में खराबी आई। वहीं इसके बाद मौसम ने मिशन को रोकने की कोशिश की। यह बात इसलिए क्यों कि 2003 में स्पेस शटल कोलंबिया दुर्घटना का शिकार हो गया था। मिशन पूरा होने से ठीक 15 मिनट पहले हादसा हो गया था। वहीं अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को तकनीकी कारणों से सुरक्षित वापसी के लिए महीनों तक इंतजार करना पड़ा था। इसी वजह से चिंता के बादल भी मंडरा रहे हैं।

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शाम 4:45 बजे ISS से पृथ्वी के लिए निकले शुभांशु

  • 14 जुलाई को दोपहर करीब 02:15 बजे क्रू ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में पहुंचा।
  • शाम 4:45 बजे स्पेसक्राफ्ट ISS के हार्मनी मॉड्यूल से अनडॉक हुआ।
  • 15 जुलाई को दोपहर करीब 3 बजे कैलिफोर्निया के तट पर स्प्लैशडाउन होगा।

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18 दिन अंतरिक्ष में सुभांशु ने क्या-क्या किया

  • 60 वैज्ञानिक प्रयोग: शुभांशु ने मिशन के दौरान 60 से ज्यादा वैज्ञानिक प्रयोगों में हिस्सा लिया। इनमें भारत के सात प्रयोग शामिल थे। उन्होंने मेथी और मूंग के बीजों को अंतरिक्ष में उगाया। स्पेस माइक्रोएल्गी’ प्रयोग में भी हिस्सा लिया। अंतरिक्ष में हड्डियों की सेहत पर भी प्रयोग किए।
  • प्रधानमंत्री से बात: 28 जून 2025 को शुभांशु ने ISS से पीएम नरेंद्र मोदी के साथ लाइव वीडियो कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष से भारत बहुत भव्य दिखता है। पीएम ने पूछा कि आप गाजर का हलवा लेकर गए हैं। क्या साथियों को खिलाया। इस पर शुभांशु ने कहा- हां साथियों के साथ बैठकर खाया।
  • छात्रों से संवाद: 3, 4 और 8 जुलाई को उन्होंने तिरुवनंतपुरम, बेंगलुरु और लखनऊ के 500 से अधिक छात्रों के साथ हैम रेडियो के जरिए बातचीत की। इसका मकसद युवाओं में STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) के प्रति रुचि बढ़ाना था।
  • ISRO के साथ संवाद: 6 जुलाई को उन्होंने ISRO के चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की, जिसमें उनके प्रयोगों और भारत के गगनयान मिशन के लिए उनके योगदान पर चर्चा हुई।
  • पृथ्वी की तस्वीरें: शुभांशु ने ISS के कपोला मॉड्यूल से पृथ्वी की शानदार तस्वीरें खींचीं, जो सात खिड़कियों वाला एक खास हिस्सा है।

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एक्सियम-4 मिशन का हिस्सा हैं शुभांशु शुक्ला

शुभांशु शुक्ला एक्सियम-4 मिशन का हिस्सा हैं, जिसकी एक सीट के लिए भारत ने 548 करोड़ रुपए चुकाए हैं। यह एक प्राइवेट स्पेस फ्लाइट मिशन है, जो अमेरिकी स्पेस कंपनी एक्सियम, NASA, इसरो और स्पेसएक्स की साझेदारी से हो रहा है।

एक्सियम स्पेस का यह चौथा मिशन है…

  • 17 दिन का एक्सियम 1 मिशन अप्रैल 2022 में लॉन्च हुआ था।
  • 08 दिन का एक्सियम का दूसरा मिशन 2 मई 2023 में लॉन्च हुआ था।
  • 18 दिन का तीसरा मिशन 3 जनवरी 2024 में लॉन्च किया गया था।

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