लखनऊ. सीबीआई ने उत्तर रेलवे लखनऊ के डिप्टी चीफ इंजीनियर समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर केके मिश्रा फरार चल रहा है. जिसकी तलाश की जा रही है. उत्तर रेलवे लखनऊ के गति शक्ति प्रोजेक्ट में घूसखोरी में बड़ा खुलासा हुआ है. सीबीआई ने सोमवार को देर रात तक छापेमारी की थी. छापेमार कार्रवाई में डिप्टी चीफ इंजीनियर समेत 5 लोगों के पास से लाखों रुपए कैश और बैंक खाते में ली गई रिश्वत के सबूत मिले हैं. सभी आरोपियों को विशेष अदालत में पेश करने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.
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बता दें कि सीबीआई ने डिप्टी चीफ इंजीनियर विवेक कुशवाहा, वरिष्ठ अभियंता ड्राइंग अशोक रंजन, उत्तर रेलवे मुख्य अभियंता अंजुम निशा, ठेकेदार अजीत कुमार सिंह औऱ मेसर्स टैंगेंट इंफ्राटेक प्रवीण कुमार को अरेस्ट किया है. डीआरएम कार्यालय में छापा मार कार्रवाई में सीबीआई ने डिप्टी चीफ इंजीनियर विवेक कुशवाहा के पास से घूस के 2.50 लाख, अशोक रंजन और अंजुम निशा के पास से 80 हजार रुपए बरामद किए हैं.
किस एवज में ली घूस
मिली जानकारी के अनुसार, लखनऊ में उत्तर रेलवे और वाराणसी में पूर्वोत्तर रेलवे के कर्मचारी गति शक्ति प्रोजेक्ट से जुड़े कार्यों के बिल पास कराने के लिए ठेकदारों से मोटी घूस लेते थे. जांच में ये बात भी सामने आई है कि डिप्टी चीफ इंजीनियर विवेक कुशवाहा ने दिल्ली की टैंजेंट इंफ्राटेक कंपनी के बिलों का भुगतान घूस लेकर किया. यही नहीं अन्य कर्मचारियों ने भी कंपनी से घूस लिया है. लगातार कंपनी से रेलवे के कई कर्मचारी घूस ले रहे थे, उसके एवज में बिल का भुगतान करते थे. जिसकी शिकायत सीबीआई से की गई थी, जिसके बाद सीबीआई ने घूस लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया.
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