कुछ दिनों पहले झारखंड के धनबाद में भांग और गांजा के बाद घोटालेबाजों ने चूहों पर शराब गटकने का आरोप लगा दिया था. दरअसल, राज्य में शराब व्यापारियों ने एक सरकारी स्टॉक ऑडिट के दौरान 800 से अधिक भारतीय निर्मित विदेशी शराब (IMFL) की बोतलें गायब होने का दोष चूहों पर मढ़ा था. यह दावा राज्य की नई शराब नीति लागू होने से पहले सामने आया, जिसे अधिकारियों ने “बकवास” करार देते हुए खारिज कर दिया और जांच के आदेश दे दिए. इस मामले जब विभाग ने जांच कराई तो जांच में चूहे बेदाग निकले। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने भी इसकी पुष्टि की है।
802 बोतल अंग्रेजी शराब गटक गए चूहे! इस राज्य में शराब नीति लागू होने से पहले सामने आया बड़ा घोटाला
उन्होंने कहा कि वहां शराब की खुदरा दुकानों में मैनपावर आपूर्ति का ठेका प्लेसमेंट एजेंसी आरके एंड कंपनी मैनपावर प्राइवेट लिमिटेड के पास था। अपनी गलती छुपाने के लिए इस प्लेसमेंट एजेंसी ने दोष चूहों पर मढ़ा था।
इसका खुलासा उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की टीम ने अपनी जांच में पाया है और इससे संबंधित रिपोर्ट विभागीय मंत्री सहित वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी है। अब आरोपित मैनपावर आपूर्ति कंपनी के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई होगी। स्टाक में मिले अंतर की वसूली भी संबंधित एजेंसी से की जाएगी।
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राज्य में मई 2022 में लागू उत्पाद नीति के दौरान राज्य में शराब की थोक व खुदरा बिक्री झारखंड राज्य बेवरेजेज कारपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) के हाथों हो रही थी। खुदरा दुकानों के संचालन के लिए मैनपावर आपूर्ति का ठेका मैनपावर आपूर्ति एजेंसियों को दिया गया था।
मैनपावर आपूर्ति एजेंसी को ठेका 31 जून 2025 तक था। इन्हीं एजेंसियों में धनबाद में मेसर्स आरके एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के पास मैनपावर आपूर्ति का ठेका था, जिसने यह खेल किया है।
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ऑडिट में 802 बोतल मिलीं खाली
जानकारी के मुताबिक़ एक जुलाई 2025 से जब जेएसबीसीएल ने प्लेसमेंट एजेंसियों से शराब दुकानों को टेकओवर करना शुरू किया, उसी दरम्यान यह खुलासा हुआ था। उत्पाद अधिकारी, दंडाधिकारी, वीडियोग्राफी की मौजूदगी में हैंडओवर-टेकओवर, स्टॉक मिलान की कार्रवाई हो रही थी।
बलियापुर और प्रधान खुंटा क्षेत्रों में शराब दुकानों का स्टॉक ऑडिट 1 सितंबर से लागू होने वाली झारखंड की नई शराब नीति से पहले किया गया. वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में हुए इस ऑडिट में 802 IMFL बोतलें या तो पूरी तरह खाली थीं या लगभग खाली पाई गईं. व्यापारियों ने दावा किया कि चूहों ने बोतलों के ढक्कन चबा लिए और शराब पी ली. हालांकि, यह तर्क अधिकारियों को विश्वसनीय नहीं लगा. सहायक आबकारी आयुक्त रमलीला रवानी ने कहा, “व्यापारियों को नुकसान की भरपाई के लिए नोटिस भेजा जाएगा.” चूहों के दावे पर टिप्पणी करते हुए रवानी ने इसे स्पष्ट रूप से खारिज किया: “बकवास.”
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दुकानदारों ने चूहों पर आरोप लगाया कि चूहों ने पहले शराब की बोतलों के ढक्कन कुतरे, अपनी पूंछ को उस ढक्कन के भीतर डालकर भिंगोया और बाहर निकालकर उसे चाट लिया।
इस तरह चूहों ने सभी संबंधित बोतलों की शराब चट कर दी। दुकानदारों के इस तर्क को मौजूद टीम ने संदेहास्पद माना। इसकी जांच हुई और दुकानों में मैनपावर आपूर्ति करने वाली एजेंसी को इसके लिए दोषी माना।
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