गाजीपुर। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर कोतवाली क्षेत्र के ददरी घाट पर गंगा में बहकर आया एक रहस्यमयी पत्थर श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक बन गया। पत्थर का वजन करीब 2 क्विंटल है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि यह पत्थर गंगा के पानी में डूब नहीं रहा। जानकारी फैलते ही घाट पर सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई। कई श्रद्धालुओं ने पत्थर को चमत्कारी मानते हुए उसकी पूजा शुरू कर दी, जबकि कुछ लोग वहीं पाठ और भजन करने बैठ गए।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तैरते पत्थर की संभावना

विशेषज्ञों का मानना है कि यह पत्थर “प्यूमिस” प्रकार का ज्वालामुखीय पत्थर हो सकता है। जिसमें बेहद हल्के और छिद्रदार संरचना के कारण यह पानी में डूबता नहीं। स्थानीय लोगों ने इसे रामायण काल से जोड़ते हुए इसे रामसेतु से संबंधित बताया। श्रद्धालु इसे भगवान श्रीराम का आशीर्वाद मान रहे हैं।

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तेजी से वीडियो हो रहा वायरल

महंत रामाधार तपस्वी सहित कई श्रद्धालुओं ने इसे भगवान श्रीराम का चमत्कार बताया है। घटना ने स्थानीय स्तर पर धार्मिक उत्साह और वैज्ञानिक जिज्ञासा दोनों को जन्म दिया है। इस चमत्कार की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिससे इलाके में आस्था के साथ-साथ कौतूहल भी लगातार बढ़ रहा है।

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