गोंडा। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग का सबसे बड़ा भर्ती घोटाला उजागर हुआ है। जहां, शिक्षा विभाग में नियुक्त लेखा बाबू अनुपम पांडे ने 688 फर्जी नियुक्तियां कर डाली। 50 हजार सैलरी लेने वाले इस बाबू के पास लखनऊ से गोंडा तक आधा दर्जन आलीशान मकान और 12 लग्जरी गाड़ियां है। उस पर पत्नी, बेटी और साली को फर्जी तरीके से शिक्षक की नौकरी दिलवाने का भी आरोप है।
इन्होंने अवैध वसूली की
भाजपा विधायक प्रेम नारायण पांडे ने लेखा बाबू अनुपम पांडे पर आरोप लगाते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ को दो पन्नों का एक शिकायती पत्र भी भेजा है। जिसमें उन्होंने लिखा कि जहां तक अधोहस्ताक्षरी को ज्ञात है कि एक वेतन भोगी कर्मी की एक निश्चित आय होती है परन्तु अनुपम पाण्डेय तथा उनके परिवार के सदस्यों व नौकरों के पास इतनी अकूत सम्पत्ति होने से साफ परिलक्षित है कि इनके द्वारा व्यापक स्तर पर वित्तीय अनियमितता व अवैध वसूली की गई है तथा अनुचित लाभ लेकर अपने चहेतों को लाभ पहुंचाया गया है।
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एक बाबू के पास इतनी संपत्ति कैसे ?
उन्होंने आगे कहा कि आखिर इनके पास लखनऊ में तीन (जिसमें से एक निर्माणाधीन है) तथा गोण्डा 4 आलीशान मकान कहां से आ गये ? इनके भाई व नौकरों के खाते में इताना पैसा कहां से आ गया ? इनकी पत्नी कुमुदलाता पाण्डेय के खोते में सरकारी कोष से इतना पैसा क्यों स्थानान्तरित किया गया ? उपरोक्त तथ्यों के दृष्टिगत इनके द्वारा किये गये भ्रष्टाचार व अर्जित अकूत सम्पत्ति की बिन्दुवार जांच कराना न्यायोचित प्रतीत होता है, यह भी सम्भव है कि जांच के दौरान और भी सम्पत्तियों का पता चले जो संज्ञान में नहीं आयी हैं।
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भाजपा विधायक ने आगे कहा कि लगभग 20 वर्षों से कार्यालय वित्त एवं लेखधिकारी बेसिक शिक्षा विभाग, गोण्डा के लिपिक अनुपम पाण्डेय के द्वारा अर्जित आय से अधिक सम्पत्ति व किये गये भ्रष्टाचार एवं अनियमितता की विभागीय एवं वित्तीय नियमों के अन्र्तगत बिन्दुवत जांच कराकर इनके विरूद्ध प्रथम सूचना सहित वैधानिक/विभागीय अनुशासनात्मक कराने की कृपा करें। विधायक की शिकायत के बाद मुख्यमंत्री के आदेश पर स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाकर जांच का आदेश दिया गया। इसी के तहत मामला कोर्ट में भी पहुंचा और वहां पर विचाराधीन है।
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