Mallikarjun Kharge Tells Own Story: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 1999 का अपना एक किस्सा सुनाया है। इस किस्से में उन्होंने बताया कि कैसे उनकी सालों की मेहनत पर पानी फिर गया था। उस समय खरगे के हाथ में कर्नाटक सीएम की कुर्सी आते-आते खिसक गई थी। उन्होंने बताया कि कैसे 1999 में पूरे पांच साल लगातार मेहनत करने के बाद भी उनके हाथ से सीएम पद चला गया था। उस समय पार्टी में चार महीने पहले शामिल हुए एस.एम. कृष्णा को मुख्यमंत्री बनाया गया था।
विजयपुरा में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांग्रेस के राष्ट्राय अध्यक्ष खरगे ने कहा, ‘मैं सीएलपी नेता बना, पार्टी को सत्ता में लाने के लिए जी-जान से मेहनत की। अंततः हमारी सरकार बनी भी, लेकिन एसएम कृष्णा मुख्यमंत्री बने, जो उस समय से केवल चार महीने पहले ही कांग्रेस में आए थे।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, मैं कांग्रेस विधायक दल का नेता बना और पार्टी को सत्ता में लाने के लिए कड़ी मेहनत की। आखिरकार हमारी सरकार सत्ता में आई, लेकिन एसएम कृष्णा, जो उस समय सिर्फ चार महीने पहले ही पार्टी में में शामिल हुए थे, मुख्यमंत्री बन गए। उन्होंने कहा, ऐसा लग रहा था कि हमारी सारी कोशिशें बेकार गईं। मैंने 5 साल तक लगातार मेहनत की थी. वह (कृष्णा) सिर्फ चार महीने पहले ही पार्टी में आए और मुख्यमंत्री बन गए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं, लेकिन उन सभी के बारे में एक साथ बात करना सही नहीं होगा।
1999 में कर्नाटक के 16वें मुख्यमंत्री बने थे एस.एम. कृष्णा
बता दें कि एस.एम. कृष्णा अक्टूबर 1999 में कर्नाटक के 16वें मुख्यमंत्री बने थे। उस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 224 में से 132 सीटें मिली थीं। खड़गे उस सरकार में और उसके बाद की कांग्रेस सरकारों में मंत्री रहे। बाद में उन्होंने 2009 का लोकसभा चुनाव लड़ा और जीतने के बाद उन्हें केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री बनाया गया। इसके बाद वे रेल मंत्री और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भी रहे।
खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की कहानी
मल्लिकार्जुन खरगे 2022 में शशि थरूर को हराकर कांग्रेस अध्यक्ष बने। इस चुनाव में उन्हें 7,987 वोट मिले जबकि थरूर को केवल 1,072 वोट प्राप्त हुए थे। इससे यह साफ हुआ कि खड़गे को पार्टी हाईकमान और कार्यकर्ताओं का मजबूत समर्थन प्राप्त था। देशभर के 9,000 से अधिक कांग्रेस प्रतिनिधियों ने 17 अक्टूबर को वोटिंग के जरिए अपना अध्यक्ष चुना था।
खड़गे बीते 24 वर्षों में कांग्रेस के पहले गैर-गांधी अध्यक्ष बने थे। उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनावों में 99 सीटें जीतीं, जो 2019 की तुलना में लगभग 50 सीटों की बढ़ोतरी थी। हालांकि, उनकी अध्यक्षता में पार्टी राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख राज्यों के विधानसभा चुनाव हार गई।
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