चित्रकूट. ‘चित्रकूट के घाट पर, भई संतन की भीर, तुलसीदास चंदन घिसे, तिलक देत रघुवीर’. ये चौपाई चित्रकूट की महिमा और गोस्वामी तुलसीदास जी की भगवान श्री रामभद्र जी के प्रति भक्ति का सजीव वर्णन करती है. चित्रकूट का नाम आते ही मन में सबसे पहले गोस्वामी तुलसीदास जी की छवि बनती है. यही वह भूमि है जहां पर तुलसीदास जी को श्रीरामचंद्र जी का दर्शन हुआ. आज तुलसी जन्म जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में सीएम योगी ने कुटीर और मानस मंदिर में पूजा-अर्चना की.

चित्रकूट में आयोजित तुलसी जन्म जयंती महोत्सव के शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाग लिया. उन्होंने सबसे पहले गोस्वामी तुलसीदास की कुटीर में पहुंचकर पूजा-अर्चना की, इसके बाद उन्होंने मानस मंदिर में भी विधिवत दर्शन कर पूजा संपन्न की. मुख्यमंत्री का आगमन महोत्सव में श्रद्धा और आस्था का केंद्र बन गया, जहां भारी संख्या में श्रद्धालुओं की मौजूदगी देखने को मिली. इस दौरान स्थानीय प्रशासन और आयोजन समिति ने मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया.

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वहीं दूसरी तरफ तुलसी जन्म जयंती महोत्सव में स्वामी रामभद्राचार्य भी पहुंचे. जहां उन्होंने भक्तों को श्रीरामकथा सुनाई. चित्रकूट में आयोजित तुलसी जन्म जयंती महोत्सव में स्वामी रामभद्राचार्य का भव्य आगमन हुआ. रामभद्राचार्य जी की वाणी से भक्तगण भावविभोर हो उठे. महोत्सव का वातावरण पूरी तरह भक्ति और श्रद्धा से सराबोर हो गया. इस मौके पर देशभर से आए श्रद्धालुओं ने भाग लेकर तुलसीदास जी की जयंती को उत्सव के रूप में मनाया.

मंत्री शाही पहुंचे चित्रकूट

इधर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही भी आज चित्रकूट पहुंचे. उन्होंने कामतानाथ मंदिर में दर्शन कर परिक्रमा की. मंदिर दर्शन के दौरान कृषि मंत्री ने मंदिर परिसर में मौजूद गाय को फल खिलाकर सेवा भाव भी प्रदर्शित किया. कार्यक्रम के दौरान मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही.