Rajasthan Politics: राजस्थान में बीजेपी की एक जिला कार्यकारिणी लिस्ट ने सियासी भूचाल ला दिया है। इस लिस्ट ने सत्ताधारी पार्टी को बैकफुट पर ला दिया है, जबकि कांग्रेस ने इसे मौके के रूप में भुनाते हुए तीखे हमले शुरू कर दिए हैं। लिस्ट में 34 पदाधिकारियों के नाम के साथ-साथ उनकी सिफारिश करने वाले बड़े नेताओं के नाम शामिल किए गए, जिसके बाद बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता असहज स्थिति में हैं।

अमित गोयल के अकाउंट से जारी हुई लिस्ट

जयपुर जिला बीजेपी की यह लिस्ट जिला अध्यक्ष अमित गोयल के सोशल मीडिया अकाउंट से जारी की गई थी। इसमें 34 पदाधिकारियों में से 9 को उनके कार्य के आधार पर चुना गया बताया गया, जबकि बाकी 25 नामों के आगे उनकी सिफारिश करने वाले बड़े नेताओं, जैसे मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्रियों, मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के नाम शामिल थे। इस अनोखी लिस्ट ने सियासी हलकों में हंगामा मचा दिया।

लिस्ट जारी होने के बाद डिलीट, मचा हड़कंप

लिस्ट के सार्वजनिक होने के कुछ ही देर बाद इसे सोशल मीडिया से हटा लिया गया। जिला अध्यक्ष अमित गोयल ने दावा किया कि यह लिस्ट “ऑपरेटर की गलती” से पोस्ट हो गई थी और इसे बाद में दोबारा जारी किया जाएगा। हालांकि, इस घटना के बाद गोयल न तो पार्टी दफ्तर में नजर आए और न ही उन्होंने किसी का फोन उठाया। बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में भी इस मुद्दे पर सन्नाटा छा गया, और प्रवक्ताओं ने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया।

क्यों शामिल किए गए सिफारिशी नेताओं के नाम?

सवाल यह उठता है कि कार्यकारिणी की लिस्ट में सिफारिश करने वाले नेताओं के नाम क्यों शामिल किए गए और इसे सोशल मीडिया पर सार्वजनिक क्यों किया गया। बीजेपी के कुछ नेताओं ने अनौपचारिक रूप से दावा किया कि बड़े नेताओं ने जिला अध्यक्ष पर अपने चहेतों को पद देने के लिए इतना दबाव बनाया कि गोयल परेशान हो गए। कुछ का कहना है कि तीन-चौथाई सिफारिशी नामों के बाद जिला अध्यक्ष ने गुस्से में यह लिस्ट जारी कर बड़े नेताओं की पोल खोल दी।

इस लिस्ट ने कांग्रेस को बीजेपी पर हमला करने का सुनहरा मौका दे दिया। राजस्थान कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी ने तंज कसते हुए कहा, “बीजेपी का पर्चियों से पीछा नहीं छूट रहा। सीएम से लेकर जिला कमेटी तक, हर जगह पर्चियां ही काम कर रही हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी में अब आम कार्यकर्ताओं की कोई कदर नहीं है और संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर केवल थोपे हुए लोग बैठाए जा रहे हैं। चतुर्वेदी ने कहा कि बीजेपी में जिम्मेदारी और पद सिर्फ नाम के लिए दिए जाते हैं, और सब कुछ ऊपर से थोपा जाता है।

लिस्ट को लेकर मची यह सियासी हलचल आने वाले दिनों में और तेज होने की संभावना है। बीजेपी की इस लिस्ट ने न केवल पार्टी के भीतर असहज स्थिति पैदा की है, बल्कि विपक्ष को भी सत्ताधारी पार्टी पर हमला करने का बड़ा मुद्दा दे दिया है।

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