Pappu Yadav News: बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। चुनाव आयोग ने बीते शुक्रवार को राज्य के 243 विधानसभा क्षेत्रों की प्रारूप मतदाता सूची (ड्राफ्ट वोटर लिस्ट) जारी की। इस नई सूची में कुल 7 करोड़ 24 लाख मतदाताओं के नाम दर्ज किए गए हैं, जबकि 65 लाख से अधिक लोगों के नाम हटाए गए हैं। आयोग का कहना है कि, जिन लोगों के नाम हटाए गए हैं, उनमें अधिकतर या तो अब जीवित नहीं हैं या स्थायी रूप से कहीं और बस गए हैं।

तेजस्वी ने अपना नाम कटने का किया दावा

हालांकि, इस सूची को लेकर विपक्षी दलों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि उनका नाम ही वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है। उन्होंने चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा, “जब मेरा नाम ही लिस्ट में नहीं है तो मैं चुनाव कैसे लड़ूं?” हालांकि उनका यह दावा झूठ निकला तेजस्वी का नाम वोटर लिस्ट में मौजूद है।

मुकेश सहनी ने लगाया यह आरोप

इसी तरह वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पत्नी मुंबई में रहती हैं, फिर भी उनका नाम बिहार की वोटर लिस्ट में दर्ज कर दिया गया है। उन्होंने इसे एसआईआर प्रक्रिया में बड़ा फर्जीवाड़ा बताते हुए आरोप लगाया कि “चुनाव आयोग भाजपा के लिए काम कर रहा है। लोकतंत्र खतरे में है। देश के हर नागरिक को इस पर सोचने की जरूरत है।”

पप्पू यादव ने पीएम मोदी को दी यह चुनौती

अब इस मुद्दे पर पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव का भी बयान सामने आया है। उन्होंने तंज कसते हुए एक्स पर लिखा, “बिहार में एक माह में चुनाव आयोग को पता चला 22 लाख लोग मर गए हैं, 35 लाख लोग लापता है, 8 लाख का दो बार नाम है! हद है बेईमानी की! उन्होंने आगे लिखा, 65 लाख ग़लत मतदाता अगर थे, जिसके दम पर लोकसभा चुनाव जीते हैं, तो लोकसभा का पूरा चुनाव रद्द कीजिए मोदी जी हमलोग फिर से चुनाव लड़ें! चुनौती स्वीकार कीजिए!।

पप्पू यादव की इस चुनौती के बाद से बिहार की सियासत में हलचल और तेज हो गई है। विपक्ष एकजुट होकर चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर रहा है, जिससे चुनाव की निष्पक्षता को लेकर बहस छिड़ गई है।

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