रायपुर। देवेंद्र नगर स्थित “श्री नारायणा हॉस्पिटल” में विगत 4 अगस्त को मेडिकल डायरेक्टर “डॉ. मेघा खेमका” के मुख्य आतिथ्य में इस वर्ष की थीम ‘”Priortise Breastfeeding Create Sustainable Support Systems” पर नवप्रसूताओं के साथ “वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक” सेलिब्रेट किया गया.
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हॉस्पिटल की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. संजना खेमका ने बताया कि मां के दूध को विश्व का सर्वोत्तम आहार माना जाता है, उसे लिक्विड गोल्ड भी कह सकते हैं, जो पूर्णतया प्राकृतिक और बेहद ही अनमोल है और इसे कहीं और अन्यत्र तरीकों से बनाया या खरीदा नहीं जा सकता.

बच्चों को 6 माह की उम्र तक नियमित तौर पर ब्रेस्ट फीडिंग जरूर कराना चाहिए, लेकिन हमारे प्रांत में 3 साल तक के बच्चे अपनी माँ का दूध पीते हैं, विदित हो कि मां अगर बच्चे को अपना दूध पिलाती है तो वह पोस्टपार्टम हेमरेज यानी ब्लीडिंग होने के खतरे, ब्रेस्ट कैंसर एवं गर्भाशय के कैंसर होने के खतरे से दूर रहती है.
हॉस्पिटल की पीडियाट्रीशियन डॉ अंकिता पटेल ने इस अवसर पर कहा कि, “नवजात बच्चे को पूरे दिन प्रॉपर्ली सही समय पर ब्रेस्टफीडिंग कराने के लिए उसकी मां को, फैमिली से, और जहां डिलीवरी हो रही है, वहां पर तथा फिर जब वह अपने काम पर वापस लौटे, तो उसके वर्कप्लेस पर सपोर्ट सिस्टम मिलना चाहिए, जिससे बच्चे की सेहत अच्छी होगी और उसके शरीर का उचित विकास होगा.
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