आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। शहर के दलपत सागर वार्ड में संचालित निजी अस्पताल मां दंतेश्वरी ट्रामा एंड क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार मामला अस्पताल परिसर में ही मेडिकल वेस्ट जलाने से जुड़ा है.

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मंगलवार की देर शाम नगर निगम की जांच टीम जब मौके पर पहुंची, तो अस्पताल के भीतर जले हुए कचरे के अवशेष पत्तों से ढके मिले. प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह कचरा अस्पताल से निकला मेडिकल वेस्ट हो सकता है. जब टीम ने अस्पताल प्रबंधन से पूछताछ की, तो इसे पुराना वेस्ट बताते हुए बात को टालने की कोशिश की गई.

हालांकि, जब जांच टीम ने मेडिकल वेस्ट के निपटान की वास्तविक व्यवस्था दिखाने को कहा, तो अस्पताल प्रबंधन ने एक सीमेंट से बने गड्ढे को सेफ्टी टैंक को प्रस्तुत किया.

जांच के दौरान जब टीम ने मेडिकल वेस्ट निपटारे से संबंधित प्रमाण पत्र मांगा, तो अस्पताल प्रबंधन ने नगर निगम का NOC प्रस्तुत किया जो कि मेडिकल वेस्ट के संदर्भ में मान्य दस्तावेज नहीं है. इस पर टीम ने स्पष्ट किया कि मेडिकल वेस्ट के संबंध में छत्तीसगढ़ राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल (CSPCB) से पंजीयन अनिवार्य होता है.

यह दस्तावेज भी प्रस्तुत नहीं किया गया, तो टीम ने अस्पताल प्रबंधन को 24 घंटे का समय देते हुए PCB का प्रमाण पत्र, मेडिकल वेस्ट निपटान स्थल की वैध जानकारी और सभी जरूरी जवाब लिखित रूप में देने के निर्देश दिए हैं.

टीम ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि मांगे गए दस्तावेज संतोषजनक नहीं पाए जाते तो नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.

पृष्ठभूमि में पहले भी उठे सवाल

इस अस्पताल को लेकर पूर्व में भी कई सवाल उठ चुके हैं. यह अस्पताल बीते एक वर्ष से मृत व्यक्ति के नाम पर संचालित किया जा रहा है. जब यह मामला उजागर हुआ था, तब स्वास्थ्य विभाग की ओर से महज 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाकर कार्रवाई की गई थी, लेकिन आज तक पंजीयन में सुधार नहीं हुआ है. मृत व्यक्ति के नाम पर ही अभी भी अस्पताल संचालित हो रहा है.

इसके अलावा इसी अस्पताल में कुछ माह पहले एक 3 महीने के शिशु की ऑपरेशन से पूर्व मृत्यु हो जाने की शिकायत भी परिजनों ने दर्ज कराई थी. हालांकि वह मामला अब तक लंबित है.

प्रशासन भी गंभीर

बस्तर कलेक्टर हरीश ऐश ने पहले भी इस मामले को लेकर संज्ञान लेने की बात कही थी. अब निगम की जांच में सामने आए नए तथ्यों के बाद एक बार फिर सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या अस्पतालों में बायोमेडिकल वेस्ट निपटान को लेकर मानकों का सही पालन हो रहा है?