सुरेंद्र जैन, रायपुर(धरसींवा)। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक ऐसी मार्मिक घटना सामने आई है जो हर किसी को झकझोर कर रख देगी। क्या गरीबी वाकई इतनी बेबस कर सकती है कि एक पिता अपनी फूल-सी मासूम बच्ची को इस दुनिया के भरोसे छोड़ दे? गुरुवार को रायपुर के खमतराई थाना क्षेत्र अंतर्गत व्यास तालाब बिरगांव में एक छोटा हाथी वाहन में डेढ़ साल की बच्ची लावारिस हालत में मिली, जिसके पास एक चिट्ठी थी जो पिता की बेबसी, लाचारी और टूटी उम्मीदों की दर्दभरी दास्तान बयां कर रही थी।

झकझोर देने वाली चिट्ठी

चिट्ठी के पहले पन्ने में में उस पिता ने अपनी बेबसी जाहिर करते हुए लिखा, “सॉरी, मुझे माफ कर देना। इस दुनिया में जीना नहीं चाहता हूं। मेरा कोई नहीं है। मेरे लिए रहने के लिए भी जगह नहीं है, इसीलिए बच्चा को छोड़कर जा रहा हूं। अपना ना आए तो कोई अपना लेना। इस बच्चे को मैं अनाथ बना गया, इसलिए इस दुनिया में जीना नहीं चाहता हूं। ठीक है। कोई भी बच्चे को अपना लीजिएगा। गुड बाय।”

दूसरे पन्ने में लिखा, “कोई मेरे बच्चे को अपना लेना, मरने जा रहा हूं मैं। जीना नहीं चाहता हूं। ठीक है, गुड बाय।”

खमतराई पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्ची को सुरक्षित किया और उसके पालन-पोषण की तत्काल व्यवस्था कर दी है। पुलिस उस पिता की तलाश में जुटी है ताकि उसकी लाचारी की सच्चाई सामने आ सके कि आखिर उसने किन कारणों से यह कदम उठाया। फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।