प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi)ने नई दिल्ली के बाबा खड़क सिंह मार्ग पर सांसदों के लिए बनाए गए 184 नए फ्लैट्स का उद्घाटन किया, जो टाइप-7 के मल्टी-स्टोरी अपार्टमेंट हैं. इस अवसर पर पीएम मोदी ने ‘सिंदूर’ का पौधा भी लगाया और श्रमजीवियों से मुलाकात की. उद्घाटन के दौरान उन्होंने बताया कि इन चार टावरों को कृष्णा, गोदावरी, कोसी और हुगली नाम दिए गए हैं, जो भारत की चार प्रमुख नदियों का प्रतीक हैं, जो लाखों लोगों के जीवन का आधार हैं. हालांकि, कुछ लोगों को टावर का नाम कोसी रखना असहज लग सकता है, क्योंकि वे इसे नदी के बजाय बिहार चुनाव के संदर्भ में देख सकते हैं.

ये नए फ्लैट्स सांसदों के आवास की कमी को दूर करने के लिए बनाए गए हैं. सीमित भूमि के कारण ऊंची इमारतों का निर्माण किया गया है, जिससे स्थान का अधिकतम उपयोग संभव हो सके और रखरखाव की लागत में कमी आए.

नए फ्लैट्स में आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी

यह नया फ्लैट्स का कॉम्प्लेक्स अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है और इसमें ग्रीन टेक्नोलॉजी का समावेश किया गया है, जिससे यह पर्यावरण के प्रति संवेदनशील और ऊर्जा की बचत करने वाला बनता है. यह प्रोजेक्ट जीआरआईएचए (GRIHA) 3-स्टार रेटिंग के मानकों और 2016 के राष्ट्रीय भवन कोड के दिशा-निर्देशों के अनुरूप विकसित किया गया है. प्रत्येक फ्लैट का कारपेट एरिया लगभग 5 हजार स्क्वायर फीट है, जिसमें सांसदों के निवास, उनके कार्यालय, स्टाफ के कमरे और सामुदायिक केंद्र की सुविधाएं शामिल हैं. सभी भवन भूकंप-रोधी हैं और सुरक्षा के लिए ठोस प्रबंध किए गए हैं.

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निर्माण में नई तकनीक का इस्तेमाल

इन फ्लैट्स में मोनोलिथिक कंक्रीट और एल्यूमिनियम शटरिंग का उपयोग किया गया है, जिससे भवन की मजबूती सुनिश्चित हुई और कार्य समय पर पूरा हुआ. यह परिसर दिव्यांग व्यक्तियों के अनुकूल बनाया गया है, ताकि सभी लोग इसे आसानी से उपयोग कर सकें. उद्घाटन समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, और आवास समिति (लोकसभा) के अध्यक्ष डॉ. महेश शर्मा सहित कई सांसद उपस्थित रहे.

इस कानून के तहत मिलते हैं आवास

वास्तव में, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अधीन 1922 में स्थापित डायरेक्टरेट ऑफ स्टेट्स विभाग को पूरे देश में केंद्र सरकार की संपत्तियों की देखरेख का कार्य सौंपा गया है. इस विभाग के जिम्मे मंत्रियों और सांसदों के बंगलों और फ्लैटों की देखभाल, आवंटन, और घरों को खाली कराने का कार्य भी आता है. सांसदों को आवास प्रदान करने में इस विभाग के साथ-साथ लोकसभा और राज्यसभा की आवासीय समिति की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. आवास का आवंटन जनरल पूल रेजिडेंशियल एकोमोडेशन एक्ट के तहत किया जाता है.

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कैबिनेट मिनिस्टर और वरिष्ठ सांसदों के बंगले एक जैसे

आवास का आवंटन वरिष्ठता और श्रेणी के आधार पर किया जाता है. केंद्रीय कर्मचारियों और अधिकारियों को टाइप-I से टाइप-IV तक के आवास प्रदान किए जाते हैं. इसके बाद, टाइप-VI से टाइप-VIII तक के बंगले और आवास केंद्रीय मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और सांसदों को आवंटित किए जाते हैं.

पहली बार चुने गए सांसदों को सामान्यतः टाइप-V बंगले आवंटित किए जाते हैं. यदि कोई सांसद पुनः चुनाव जीतता है, तो उसे टाइप-VII या टाइप-VIII बंगला भी मिल सकता है. टाइप-VIII बंगला विशेष रूप से कैबिनेट मंत्रियों, सुप्रीम कोर्ट के जजों, पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व उपराष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री और वित्त आयोग के अध्यक्षों को भी प्रदान किया जाता है.

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सबसे बड़ा और अच्छा होता है टाइप-VIII का बंगला

टाइप-VIII के बंगले उच्चतम श्रेणी के माने जाते हैं, जो लगभग तीन एकड़ के क्षेत्र में फैले होते हैं. इन बंगलों की मुख्य इमारत में पांच बेडरूम, एक हॉल, एक डायनिंग रूम और एक अध्ययन कक्ष होता है. इसके अतिरिक्त, मेहमानों के लिए एक कमरा और एक सेवक क्वार्टर भी उपलब्ध होता है. ये सभी बंगले जनपथ, त्यागराज मार्ग, अकबर रोड, कृष्णा मेनन मार्ग, सफदरजंग रोड, मोतीलाल नेहरू मार्ग और तुगलक रोड पर स्थित हैं.

टाइप-VII के बंगले में रहते हैं राज्य मंत्री

दूसरे स्थान पर टाइप-VII का बंगला आता है, जो डेढ़ एकड़ के क्षेत्रफल में फैला होता है. इस बंगले में चार बेडरूम होते हैं और ये आमतौर पर अशोक मार्ग, कुशक रोड, लोधी एस्टेट, तुगलक लेन और कैनिंग लेन में स्थित हैं. इन बंगलों का आवंटन मुख्यतः राज्य मंत्रियों, दिल्ली हाईकोर्ट के जजों और पांच बार सांसद रह चुके नेताओं को किया जाता है. राहुल गांधी का प्रसिद्ध बंगला, जो 12 तुगलक लेन पर था, इसी प्रकार का था.

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पहली बार सांसद चुने जाने पर मिलता है टाइप-V का आवास

सांसद बनने वाले नेताओं को टाइप-V वाला बंगला आवंटित किया जाता है. यदि कोई नेता पहली बार सांसद चुना गया है और वह अपने राज्य में पहले से विधायक या मंत्री रहा है, तो उसे टाइप-VI वाला बंगला मिलता है. टाइप-V में चार अलग-अलग श्रेणियाँ होती हैं, और प्रत्येक श्रेणी के अनुसार बंगले में एक अतिरिक्त बेडरूम होता है.

टाइप-V (a) में एक ड्राइंग रूम और एक बेडरूम का आवास प्रदान किया जाता है, जबकि टाइप-V (b) में एक ड्राइंग रूम के साथ दो बेडरूम होते हैं. इसके अतिरिक्त, टाइप-V (c) में तीन बेडरूम और एक ड्राइंग रूम शामिल है, और टाइप-V (d) में चार बेडरूम होते हैं. सांसदों के लिए ट्विन फ्लैट्स जैसे टाइप-V (a/a), टाइप-V (a/b) और टाइप-V (b/b) भी आवंटित किए जाते हैं.