Kaal Sarp Dosh: ज्योतिष शास्त्र में कालसर्प दोष को एक महत्वपूर्ण योग माना जाता है, जो जीवन में विभिन्न प्रकार की चुनौतियां ला सकता है. यह दोष तब बनता है जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सभी ग्रह, राहु (नाग का मुख) और केतु (नाग की पूंछ) के बीच आ जाते हैं.
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कालसर्प दोष के लक्षण (Kaal Sarp Dosh)
इस दोष के कारण व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे:
- स्वास्थ्य संबंधी लगातार परेशानियां
- आर्थिक स्थिरता की कमी
- वैवाहिक जीवन में कलह और तनाव
- संतान प्राप्ति में बाधा
- मानसिक तनाव, अज्ञात भय और बेचैनी
ये सभी लक्षण व्यक्ति के जीवन की प्रगति को बाधित कर सकते हैं, जिससे निराशा का अनुभव होता है. इन उपायों को अपनाने से पहले, अपनी कुंडली का विश्लेषण किसी अनुभवी ज्योतिषी से अवश्य कराएं ताकि आपको सही मार्गदर्शन मिल सके.
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प्रभावी उपाय (Kaal Sarp Dosh)
इस दोष के प्रभाव को कम करने के लिए ज्योतिष में कई कारगर उपाय बताए गए हैं.
- कालसर्प योग शांति पूजा: यह सबसे प्रमुख उपाय है, जिसे किसी योग्य पंडित से त्र्यंबकेश्वर या उज्जैन जैसे पवित्र स्थानों पर करवाना शुभ माना जाता है. यह पूजा दोष के नकारात्मक प्रभाव को शांत करती है.
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप: प्रतिदिन 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से राहु और केतु के अशुभ प्रभाव शांत होते हैं और व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है.
- भगवान शिव की आराधना: भगवान शिव को नागों का देवता माना जाता है. नियमित रूप से शिवलिंग पर जल और बेलपत्र अर्पित करना, तथा ॐ नमः शिवाय का जाप करना अत्यंत लाभकारी होता है.
- राहु-केतु मंत्रों का जाप: राहु के लिए ॐ रां राहवे नमः और केतु के लिए ॐ कें केतवे नमः मंत्रों का नियमित जाप भी इस दोष के प्रभाव को कम करने में सहायक होता है.
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