बरसात के दिनों में रायपुर, कोरबा, रायगढ़ जैसे जिलों पर सांपों का कहर टूट पड़ा है, जहां अस्पतालों में मरीजों की भीड़ और सर्पदंश से होने वाली मौतों का आंकड़ा दिल दहला रहा है.

सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ की धरती, जहां हरियाली और संस्कृति का मेल है. आजकल एक खौफनाक साये में डूबी है. मानसून की बारिश और उमश के साथ सांपों का आतंक बढ़ता जा रहा है. सर्पदंश की घटनाएं राज्य को नागलोक में तब्दील करती दिख रही हैं. 2023 से 2025 तक के आंकड़े डरावने हैं. हजारों लोग सांपों के जहर का शिकार हो रहे हैं, और सैकड़ों की जान जा रही है.

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छत्तीसगढ़ में 2023 में 8,644 लोग सर्पदंश के शिकार हुए, 2024 में यह संख्या बढ़कर 8,645 हो गई, और 2025 में मई तक ही 1,527 मामले सामने आ चुके हैं. इन वर्षों में 300 से ज्यादा लोगों ने सांपों के जहर के आगे दम तोड़ दिया. कोरबा, रायगढ़ और बलौदाबाजार जैसे जिले सर्पदंश के सबसे बड़े गढ़ बन चुके हैं. 2023 में कोरबा में 854 मामले और 15 मौतें, 2024 में 865 मामले और 16 मौतें, और 2025 में मई तक 141 मामले दर्ज हुए. रायपुर में भी 2023 में 256, 2024 में 214, और 2025 में 19 मामले सामने आए, लेकिन ये आंकड़े सिर्फ अस्पतालों तक सीमित हैं.

सर्प रेस्क्यू करने वालों का कहना है कि अस्पताल के बाहर, गांवों-जंगलों में, झाड़-फूंक और घरेलू उपचार के दौरान होने वाली मौतों का आंकड़ा जोड़ा जाए तो यह संख्या हजारों को पार कर सकती है. कई लोग समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते, और बैगा-गुनिया के चक्कर में अपनी जान गंवा बैठते हैं

स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी

राज्य सर्वेलेंस अधिकारी डॉ. खेमराज सोनवानी ने कहा सर्पदंश को लेकर चेतावनी जारी की है. प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में सर्पदंश के इलाज के लिए एंटी-स्नेक वेनम की पर्याप्त व्यवस्था है, जिसकी समय-समय पर समीक्षा की जाती है. वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग ने सर्पदंश को लेकर सख्त एडवाइजरी जारी की है. झाड़-फूंक या घरेलू उपचार जानलेवा हो सकता है. सांप के काटने के बाद तुरंत अस्पताल पहुंचें. विभाग का साफ संदेश है. विभाग ने तैयारी भी की है.

5 मई 2025 को सर्पदंश के बचाव और नियंत्रण के लिए राज्य और जिला स्तर पर संयुक्त संचालन समिति गठित की गई है. 20 जून 2025 को चिकित्सा अधिकारियों और नोडल अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण आयोजित हुआ, जिसमें प्राथमिक उपचार और सर्पदंश निदान प्रबंधन पर जोर दिया गया. सभी जिलों में सर्पदंश की रोकथाम के दिशानिर्देश भेजे गए हैं.

प्रदेश के वर्तमान में 1,60,436 सर्प-निरोधक दवा एंटी-स्नेक वेनम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक उपलब्ध हैं. वहीं बात करें रायपुर की तो मेकाहारा अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर संतोष सोनी बताते हैं कि अस्पताल में 1,200 से 1,500 एंटी-वेनम इंजेक्शन उपलब्ध हैं. इसके साथ डॉक्टरों की टीम 24 घंटे तैनात रहती है.

सांपों के जहर का खौफ

सर्पदंश का जहर शरीर में तेजी से फैलता है. लक्षणों में तीव्र जलन, सूजन, मिचली, उल्टी, चक्कर, और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं. अगर समय पर इलाज न मिले, तो यह तंत्रिका तंत्र और श्वसन प्रणाली को ठप कर मृत्यु का कारण बन सकता है. ग्रामीण इलाकों में, खासकर मानसून के दौरान, सांप घरों और खेतों में घुस आते हैं, जिससे खतरा और बढ़ जाता है.

डॉक्टरों के मुताबिक़ क्या करें, क्या न करें?

क्या करें

सांप के काटने पर घाव को साबुन और पानी से धोएं, दंश स्थल के ऊपर और नीचे हल्के से कपड़ा बांधें खून का प्रवाह धीमा करें, न कि रोकें और तुरंत अस्पताल पहुंचें.

क्या न करें

झाड़-फूंक, चीरा लगाना, या जहर चूसने की कोशिश न करें. यह जहर को और फैला सकता है.

सावधानी ही बचाव है

  • रात में बाहर जाते समय टॉर्च और जूते जरूर इस्तेमाल करें.
  • घर में कूड़ा-करकट या भोजन सामग्री न रखें, क्योंकि यह चूहों को आकर्षित करता है, और चूहे सांपों को
  • सर्पदंश होने पर घबराएं नहीं, क्योंकि घबराहट से हृदय गति बढ़ती है, और जहर तेजी से फैलता है.
  • काटे गए स्थान को रस्सी या कपड़े से कसकर न बांधें इससे अंग सड़ने का खतरा बढ़ सकता है.
  • घाव को साबुन या पोटेशियम परमैंगनेट से धोएं और तुरंत अस्पताल पहुंचें.

सावधान रहें, सुरक्षित रहें

छत्तीसगढ़ में सर्पदंश का कहर अब किसी महामारी से कम नहीं. कोरबा, रायगढ़, और बलौदाबाजार जैसे जिले इसकी चपेट में हैं, और रायपुर भी इससे अछूता नहीं. सरकार और स्वास्थ्य विभाग भले ही कोशिश कर रहे हों, लेकिन जागरूकता और त्वरित कार्रवाई ही इस खतरे से बचा सकती है. अगर आप या आपके आसपास कोई सर्पदंश का शिकार हो, तो समय न गंवाएं अस्पताल पहुंचें, क्योंकि हर पल कीमती है..।