शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस में आज 71 जिला अध्यक्षों की नई सूची जारी होने के बाद सियासी घमासान मच गया है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, बुरहानपुर और सतना समेत कई जिलों में नई नियुक्तियों को लेकर कार्यकर्ताओं और नेताओं में भारी नाराजगी देखी जा रही है। खास तौर पर उज्जैन ग्रामीण में महेश परमार और सतना में सिद्धार्थ कुशवाहा को जिला अध्यक्ष बनाए जाने का तीखा विरोध हो रहा है। पार्टी के इस फैसले के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की है।

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6 मौजूदा विधायकों और 11 पूर्व विधायकों को अध्यक्ष बनाए जाने पर नाराजगी
कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने एक्स पर पोस्ट डालकर नियुक्तियों को एकतरफा और पक्षपातपूर्ण बताया है। खासकर अल्पसंख्यक बाहुल्य जिलों में मुस्लिम नेताओं को शहर अध्यक्ष न बनाए जाने को लेकर असंतोष की लहर है। सूत्रों के मुताबिक, रतलाम और रायसेन जैसे जिलों में भी इस मुद्दे पर विरोध के सुर उठ रहे हैं। सबसे ज्यादा आक्रोश 6 मौजूदा विधायकों और 11 पूर्व विधायकों को जिला और शहर अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपे जाने को लेकर है।

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आने वाले दिनों में विरोध के सुर हो सकते हैं तेज
कार्यकर्ताओं का कहना है कि संगठन में नए चेहरों को मौका देने के बजाय पुराने नेताओं पर ही भरोसा जताया गया है, जिससे निचले स्तर के कार्यकर्ताओं में निराशा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में भोपाल, इंदौर और अन्य शहरों में विरोध की तस्वीरें और तेज हो सकती हैं। कांग्रेस के इस संगठन सृजन अभियान को मजबूती देने का दावा किया जा रहा था, लेकिन नियुक्तियों के बाद मचा बवाल पार्टी के लिए नई चुनौती बन सकता है।

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