Garam Masala Side Effects: भारतीय रसोई में गरम मसाला का उपयोग खाने के स्वाद और सुगंध को बढ़ाने के लिए किया जाता है. यह मसाला किसी भी डिश को खास बना देता है. लेकिन इसके अधिक सेवन से पेट की समस्याएं जैसे एसिडिटी, गैस और जलन की परेशानी हो सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि गरम मसाले का इस्तेमाल संतुलित मात्रा में करना चाहिए ताकि स्वाद भी बना रहे और सेहत भी सुरक्षित रहे.

क्यों बढ़ाता है गरम मसाला एसिडिटी?
गरम मसाले में काली मिर्च, लौंग, दालचीनी, तेजपत्ता, जायफल और सौंठ जैसे तीखे और गर्म प्रवृत्ति वाले मसाले शामिल होते हैं. ये मसाले पाचन अग्नि को तेज़ तो करते हैं लेकिन पित्त बढ़ाने का भी काम करते हैं. यदि इसे खाली पेट, अधिक मात्रा में या बिना अच्छी तरह भूनें खाया जाए तो यह पेट पर भारी पड़ सकता है और एसिडिटी, गैस या जलन की समस्या पैदा कर सकता है. जिन लोगों का पाचन पहले से कमजोर है, उनके लिए यह और भी ज्यादा दिक्कत का कारण बन सकता है.

पेट की समस्याओं से बचने के उपाय
1. संतुलित मात्रा में करें सेवन
गरम मसाले का स्वाद बहुत कम मात्रा में ही आ जाता है. ज़रूरत से ज्यादा डालना पेट के लिए नुकसानदायक हो सकता है.
2. घर का बना मसाला अपनाएं
बाज़ार में मिलने वाले पैकेज्ड मसाले कभी-कभी ज्यादा तीखे या मिलावटी हो सकते हैं. घर पर ताज़े और संतुलित मसालों से बना गरम मसाला ज्यादा सुरक्षित और हेल्दी होता है.
3. मसालों को भूनकर करें इस्तेमाल
कच्चे मसाले पचने में भारी पड़ते हैं. तेल या घी में भूनने से उनकी तीव्रता और गर्मी कम हो जाती है जिससे पेट पर असर हल्का होता है.
4. रात में खाने से करें परहेज
रात के समय पाचन क्रिया धीमी होती है. इसलिए गरम मसाले वाला खाना दिन में खाना ज्यादा फायदेमंद होता है.
5. ठंडी तासीर वाली चीजें खाएं
भोजन के बाद सौंफ पानी, मिंट टी या 1 चम्मच घी लेने से एसिडिटी और जलन को कम करने में मदद मिलती है.
6. लाइफस्टाइल सुधारें
देर रात खाना, तनाव और कम शारीरिक गतिविधि भी एसिडिटी को बढ़ा सकते हैं. नियमित और संतुलित जीवनशैली पेट की सेहत के लिए ज़रूरी है.
आयुर्वेदिक सुझाव
आयुर्वेद के अनुसार अगर गरम मसाला बार-बार एसिडिटी की समस्या पैदा करता है तो पाचन सुधारने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे अपनाए जा सकते हैं-
1. त्रिफला चूर्ण रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ
2. भोजन से पहले 1 चुटकी अदरक पाउडर + सेंधा नमक
3. सुबह खाली पेट 1 ग्लास गुनगुना नींबू-शहद पानी.
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