मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को लेदर और फुटवियर इंडस्ट्री का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए उत्तर प्रदेश फुटवियर, लेदर और नॉन लेदर विकास क्षेत्र नीति 2025 को लागू किया है. नई नीति का मकसद न सिर्फ़ उद्योगों को आसान सुविधाएं देना है, बल्कि लाखों युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना और प्रदेश के उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान दिलाना भी है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश को भारत का ही नहीं बल्कि दुनिया का लेदर और फुटवियर इंडस्ट्री हब बनाया जाए. नई नीति से प्रदेश में औद्योगिक निवेश, रोजगार और वैश्विक पहचान को नई ऊंचाइयां मिलेंगी.
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भूमि की उपलब्धता और त्वरित आवंटन
नीति के तहत सरकार बड़े भूखंडों को चिन्हित कर लैंड बैंक और समर्पित लेदर पार्क विकसित करेगी. इनमें प्लग-एंड-प्ले सुविधाएं, अपशिष्ट उपचार संयंत्र और आधुनिक बुनियादी ढांचे की व्यवस्था होगी. भूमि आवंटन की प्रक्रिया सिंगल विंडो सिस्टम से होगी, जिससे मेगा एंकर यूनिट्स और क्लस्टरों को प्राथमिकता के आधार पर जमीन मिलेगी.
निर्माण और उपकरण उद्योग को बढ़ावा
उत्तर प्रदेश के मजबूत एमएसएमई नेटवर्क का फायदा उठाते हुए सरकार फुटवियर और लेदर-नॉन लेदर उत्पादों के निर्माण के साथ-साथ उनके उपकरण और मशीनरी बनाने वाली इकाइयों को भी सहयोग देगी.
कौशल विकास और रोजगार
स्थानीय युवाओं को आधुनिक प्रशिक्षण केंद्रों और खास पाठ्यक्रमों के जरिए कौशलयुक्त बनाया जाएगा. महिलाओं और दिव्यांगजनों को रोजगार के अवसर देने पर विशेष ध्यान रहेगा. शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से इंडस्ट्री-केंद्रित पाठ्यक्रम तैयार किए जाएंगे.
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आरएंडडी और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
फुटवियर और लेदर डिजाइन, ऑटोमेशन और स्मार्ट टेक्नोलॉजी में नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार कम से कम 10 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और उत्पाद विकास केंद्र स्थापित करेगी. पेटेंट और बौद्धिक संपदा अधिकार हासिल करने के लिए भी उद्यमियों को मदद दी जाएगी.
ग्लोबल विजिबिलिटी और सस्टेनेबिलिटी
निर्यात को बढ़ावा देने के लिए परिवहन लागत पर अनुदान, वैश्विक प्रदर्शनियों में भागीदारी और अंतरराष्ट्रीय प्रमाणन पर वित्तीय सहायता दी जाएगी. साथ ही, अपशिष्ट प्रबंधन, प्रदूषण नियंत्रण और नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग पर आधारित सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहन मिलेगा.
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