Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट ने निकाय और पंचायत चुनावों को लेकर राज्य सरकार को कड़े निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने साफ कहा है कि परिसीमन (Delimitation) का हवाला देकर सरकार चुनावों को अनिश्चितकाल तक टाल नहीं सकती। साथ ही कोर्ट ने पंचायतों में लगाए गए प्रशासकों को हटाने के आदेश को भी रद्द कर दिया है।

जस्टिस अनूप कुमार ढंड की सिंगल बेंच ने भिनाय ग्राम पंचायत की प्रशासक डॉ. अर्चना सुराणा समेत अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए। याचिकाकर्ताओं की ओर से एडवोकेट लक्ष्मीकांत शर्मा ने पैरवी की। कोर्ट ने कहा कि निकायों का कार्यकाल खत्म होने के छह महीने के भीतर चुनाव हो जाने चाहिए थे, लेकिन अब तक नहीं हुए हैं। यह स्थिति स्थानीय स्तर पर लोकतांत्रिक कमी पैदा करती है और व्यवस्था को प्रभावित करती है।
चुनाव टालने पर कोर्ट की नाराजगी
हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी थी कि समय पर परिसीमन पूरा करके चुनाव करवाए जाएं। यह प्रक्रिया निकायों के भंग होने से पहले या अधिकतम छह महीने के भीतर पूरी हो जानी चाहिए थी।
दिसंबर तक चुनाव कराने की तैयारी
इस बीच, नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि प्रदेश में दिसंबर 2025 तक निकाय चुनाव होंगे। उन्होंने बताया था कि नगर निकायों का पुनर्सीमांकन पूरा हो चुका है और जल्द ही वार्डों का भी पुनर्सीमांकन नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। साथ ही जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो-दो नगर निगमों का एकीकरण किया जाएगा, जिससे प्रदेश में निकायों की संख्या 312 से घटकर 309 रह जाएगी।
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