COVID-19 Effect On Women: कोविड-19 संक्रमण ने भारत समेत पूरी दुनिया भर में तबाही मचाई थी। कोरोना वायरस (corona virus) ने लाखों लोगों की जान भी ले ली थी। कई बार दावे किए गए कि पोस्ट कोविड-19 के लक्षण लोगों में अभी तक दिखाई देते हैं जिन्हें वे महसूस भी कर सकते हैं। वहीं हाल ही में एक रिसर्च सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि कोविड-19 संक्रमण से ब्लड वेसिल्स (रक्त वाहिकाएं) लगभग 5 साल तक बूढ़ी हो सकती हैं। यूरोपियन हार्ट जर्नल (European Heart Journal) में पब्लिश हुई रिसर्च में सामने आया है कि कोरोना ने महिलाओं की नसों को 5 साल अधिक बूढ़ा कर दिया है। वहीं दिल की बीमारी का भी नया खतरा उत्पन्न किया है।

यह प्रभाव उन महिलाओं में अधिक पाया गया, जिन्होंने कोविड-19 से उबरने के बाद भी लगातार लक्षणों का अनुभव किया। इसे ‘लॉन्ग कोविड’ भी कहा जाता है।

यूनिवर्सिटी पेरिस सिटी, फ्रांस की प्रमुख रिसर्चर रोजा मारिया ब्रूनो का कहना है, ‘महामारी के बाद से हमने पाया है कि (कोविड-19) से संक्रमित कई लोगों में ऐसे लक्षण रह जाते हैं जो महीनों या सालों तक रह सकते हैं। हालांकि, हम अभी भी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि शरीर में क्या हो रहा है जिससे ये लक्षण पैदा होते हैं।


रिसर्चर्स ने कहा कि लगभग 0.5 मीटर प्रति सेकंड की नाड़ी तरंग वेग में वृद्धि मेडिकली रूप से दिखाई गई और जो लगभग 5 साल की उम्र बढ़ने के बराबर है। साथ ही 60 वर्षीय महिला में हृदय रोग का जोखिम 3 प्रतिशत बढ़ जाता है। रिसर्च में पाया गया कि औसतन, हल्के संक्रमण वाली महिलाओं में नाड़ी तरंग वेग 0.55 मीटर प्रति सेकंड, हॉस्पिटल में एडमिट महिलाओं में 0.60 मीटर प्रति सेकंड और गंभीर मेडिकल स्थिति वाली महिलाओं में 1 मीटर प्रति सेकंड से अधिक बढ़ गया।

रिसर्च में 16 देशों के लगभग 2400 लोग शामिल

यूरोपियन हार्ट जर्नल में पब्लिश हुई रिसर्च में ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील और यूरोप सहित 16 देशों के लगभग 2400 लोगों को शामिल किया गया। इनमें से लगभग आधी महिलाएं थीं। रिसर्चर्स ने कहा कि ब्लड वेसिल्स उम्र के साथ सख्त हो जाती हैं लेकिन कोविड-19 संक्रमण इस प्रक्रिया को तेज कर सकता है और स्ट्रोक व दिल के दौरे सहित अन्य हार्ट डिसीज का जोखिम बढ़ा सकता है। रिसर्च में शामिल, प्रतिभागियों की ब्लड वेसिल्स की उम्र एक ऐसे उपकरण का उपयोग करके मापी गई जो यह देखता है कि कैरोटिड धमनी (गर्दन में) और ऊरु धमनियां (पैरों में) के बीच ब्लडप्रेशर की फ्रिक्वेंसी कितनी तेजी से जर्नी करती है जिसे ‘कैरोटिड-ऊरु नाड़ी तरंग वेग’ कहा जाता है। अधिक रीडिंग ब्लड वेसिल्स की अधिक कठोरता और उम्र बढ़ने का संकेत देता है। ये माप कोविड-19 संक्रमण के छह महीने बाद और फिर 12 महीने बाद लिए गए।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

रिसर्च के राइटर्स ने लिखा, ‘महिलाओं में (नाड़ी तरंग वेग) अंतर महत्वपूर्ण था लेकिन पुरुषों में नहीं। कोविड-19 पॉजिटिव महिलाओं में, लगातार लक्षण अधिक (नाड़ी तरंग वेग) से जुड़े थे. कोविड-पॉजिटिव ग्रुप्स में 12 महीनों के बाद एक स्थिर या बेहतर (नाड़ी तरंग वेग) पाया गया, जबकि कोविड-नेगेटिव समूह में प्रगति देखी गई।

यह बताते हुए कि कोविड-19 ब्लड वेसिल्स को कैसे प्रभावित करता है। ब्रूनो ने कहा कि बीमारी पैदा करने वाला वायरस, शरीर में विशिष्ट रिसेप्टर्स पर काम करता है जिन्हें एंजियोटेंसिन-परिवर्तित एंजाइम 2 रिसेप्टर्स कहा जाता है और ये ब्लड वेसिल्स की परत पर मौजूद होते हैं। वायरस कोशिकाओं में प्रवेश करने और उन्हें संक्रमित करने के लिए इन रिसेप्टर्स का उपयोग करता है। इसके परिणामस्वरूप संवहनी शिथिलता और संवहनी वृद्धावस्था में तेज़ी आ सकती है। हमारे शरीर की सूजन और प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाएँ, जो संक्रमणों से बचाव करती हैं, भी इसमें शामिल हो सकती हैं।

इसके अलावा, ब्रूनो ने कहा कि पुरुषों की तुलना में, महिलाओं में अधिक तेज और मजबूत इम्यूनिटी प्रोसेसिंग होती है जो संक्रमण से तो बचा सकती है, लेकिन शुरुआती संक्रमण के बाद रक्त वाहिकाओं को नुकसान भी पहुंचा सकती है।

यह भी पढ़ेंः- ‘एक मूर्ख की वजह से देश इतना नुकसान नहीं झेल सकता…,’ किरेन रिजिजू का राहुल गांधी पर करारा वार, बोले- अब हर बिल पास कराएगी सरकार

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m