रायपुर. लल्लूराम डॉट कॉम की खबर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मुहर लगा दी है. साय मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर 5 अगस्त को जो खबर हमने दी थी, वो सही-सटीक और सच्ची थी. हमने अपने पाठकों को 15 दिन पूर्व ही विश्वनीय सूत्रों के हवाले से बता दिया था कि इसी महीने साय मंत्रिमंडल का विस्तार होने जा रहा है और पहली बार के 3 विधायक ही मंत्री बनेंगे. विस्तारित समीकरणों के साथ हमने यह भी बताया था कि कैसे राष्ट्रीय नेतृत्व ने साय सरकार में 3 नए चेहरों को शामिल करने की मंजूरी दी है. साय सरकार में मंत्री बनने वाले पहली बार के ये विधायक हैं गजेन्द्र यादव, राजेश अग्रवाल और गुरु खुशवंत साहेब.


गुरु खुशवंत के नाम की चर्चा क्यों?
आरंग सीट से विधायक खुशवंत सिंह सतनामी समाज के गुरु हैं. वह सतनामी समाज के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक भंडारपुरी गुरु गद्दी के उत्तराधिकारी हैं. सतनामी समाज के एक दूसरे प्रमुख तीर्थ स्थल गिरौदपुरी की गद्दी के उत्तराधिकारी कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके गुरु रूद्र कुमार हैं. दोनों ही सतनामी समाज के संत गुरु घासीदास के वंशज हैं, लेकिन राजनीतिक तौर पर दोनों एक-दूसरे के धुर विरोधी हैं. भंडारपुरी गद्दी के गुरु बालदास के समाज में प्रभाव को आप इस तरह से समझिए कि साल 2013 के चुनाव के दौरान उन्होंने सतनाम सेना पार्टी का गठन कर चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारे थे. अनुसूचित जाति बहुल सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार उतरने से वोटों का समीकरण बिगड़ा और इसका फायदा भाजपा को हुआ. भाजपा ने तब राज्य की 10 अनुसूचित जाति की सीटों में से 9 पर जीत दर्ज की थी. मगर साल 2018 के चुनाव में गुरु बालदास की नाराजगी भाजपा को भारी पड़ गई. जब उन्होंने कांग्रेस का समर्थन किया था, लेकिन 2023 के चुनाव के ठीक पहले गुरु बालदास अपने बेटे गुरु खुशवंत सिंह के साथ भाजपा में शामिल हो गए. भाजपा ने गुरु खुशवंत सिंह को आरंग से अपना उम्मीदवार बनाया था. उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री रहे शिव डहरिया को भारी मतों से हराकर जीत हासिल की थी. भाजपा के रणनीतिकार की माने तो गुरु खुशवंत सिंह को साय सरकार में मंत्री बनाकर भाजपा अनुसूचित जाति वर्ग के वोट बैंक में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है. संगठन के भीतर यह भी चर्चा रही है कि गुरु बालदास अपने विधायक बेटे को मंत्री बनाने के लिए दिल्ली तक दौड़ लगाते रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा हाईकमान के कई वरिष्ठ नेताओं से उनकी चर्चा होती रही है. ऐसे में भाजपा को डर है कि अगर गुरु खुशवंत सिंह को मंत्री नहीं बनाया गया, तो गुरु बालदास की नाराजगी मोल लेनी पड़ सकती है और इसका असर आगामी चुनाव में पड़ सकता है.
राजेश अग्रवाल के नाम के पीछे क्या है समीकरण?
मंत्रिमंडल विस्तार में संभावित मंत्री के रूप में अंबिकापुर से विधायक राजेश अग्रवाल के नाम की चर्चा ने जोर पकड़ा है. विधानसभा चुनाव में राजेश अग्रवाल ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे टी एस सिंहदेव को मात देकर जीत दर्ज की थी. सरगुजा संभाग की राजनीति में टी एस सिंहदेव का ऊंचा कद रहा है. साल 2018 के चुनाव में सरगुजा संभाग से भाजपा का सूपड़ा साफ करने के पीछे टी एस सिंहदेव ही प्रमुख रणनीतिकार थे, लेकिन साल 2023 के विधानसभा चुनाव आते-आते समीकरण तेजी से बदल गए. कभी टी एस सिंहदेव के बेहद करीबी रहे राजेश अग्रवाल को भाजपा ने उनके ही विरुद्ध उम्मीदवार बनाया और उन्होंने सिंहदेव को करारी शिकस्त देते हुए जीत का परचम लहराया था. मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चल रही चर्चाओं में राजेश अग्रवाल का नाम आने के पीछे सिर्फ राजनीतिक समीकरण ही नहीं हैं, इसके परे भी कई अहम कारण हैं, जो उनकी दावेदारी को मजबूत करते दिख रहे हैं. बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद से वैश्य समाज का सरकार में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है.
गजेंद्र यादव पर रार नहीं
आरएसएस बैकग्राउंड से आने वाले दुर्ग शहर से विधायक गजेंद्र यादव को मंत्री बनाया जाना लगभग तय है. चर्चा है कि आरएसएस की तरफ से भी उन्हें मंत्री बनाए जाने का दबाव है. आरएसएस से उनके नाम की पैरवी किए जाने की खबर है. साथ ही यादव समाज को साधने के लिहाज से भी मंत्रिमंडल में उन्हें जगह दिए जाने की वकालत की गई है. राज्य के ओबीसी वर्ग में साहू समाज के बाद सर्वाधिक जनसंख्या यादव समाज की है. ऐसे में गजेंद्र यादव की दावेदारी काफी मजबूत बताई जाती है. यादव समाज ने मंत्रिमंडल में समाज का प्रतिनिधित्व दिए जाने की मांग की है.
मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर किसने क्या कहा ?
साय मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं के बीच राज्यपाल डेका ने हाल ही में कहा था कि “कुछ तो होने वाला है,” जबकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने कहा कि “राज्यपाल ने कह दिया है, तो कल कुछ बड़ा होगा.” मुख्यमंत्री साय ने भी बड़ा बयान देते हुए कहा, “आप लोगों के इंतजार की घड़ी पूरी हो रही है। जल्द ही बड़ा फैसला सामने आएगा, बस देखते जाइए…”
3 नई गाड़ियां हो रही तैयार
छत्तीसगढ़ स्टेट गैरेज में तीन नई सफेद फॉर्च्यूनर को चेक कर तैयार किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ स्टेट गैरेज के अधिकारी राजेश अग्रवाल ने जानकारी दी कि उन्हें तीन नई गाड़ियां तैयार करने का निर्देश मिला है. उन्हें तीन नए मंत्रियों के लिए वाहनों को तैयार करने का कॉल आया था. इनमें से गाड़ी नंबर CG 02 AF 0009 और CG 02 AV 0005 तैयार कर ली गई हैं, जबकि तीसरी गाड़ी ट्रायल पर भेजी गई है. उसका नंबर फिलहाल सामने नहीं आया है.
संभागवार मंत्रिमंडल की स्थिति
सरगुजा संभाग( 14 भाजपा विधायक) वर्तमान में 4 मंत्री
विष्णुदेव साय, मुख्यमंत्री विधायक कुनकुरी (एसटी)
रामविचार नेताम, कृषि मंत्री
विधायक रामानुजगंज (एसटी)
श्यामबिहारी जायसवाल, स्वास्थ्य मंत्री
विधायक मनेन्द्रगढ़ (ओबीसी)
लक्ष्मी राजवाड़े, महिला एवं बाल विकास मंत्री
विधायक सूरजपुर (ओबीसी)
बिलासपुर संभाग ( 8 भाजपा विधायक) वर्तमान में 3 मंत्री
अरुण साव, उपमुख्यमंत्री
विधयाक लोरमी(ओबीसी)
लखन देवांगन, उद्योग मंत्री
विधायक कोरबा(ओबीसी)
ओपी चौधरी, वित्त मंत्री
विधायक रायगढ़ ( ओबीसी)
दुर्ग संभाग ( 9 भाजपा विधायक) वर्तमान में 2 मंत्री
विजय शर्मा, उपमुख्यमंत्री
विधायक कवर्धा( सामान्य)
दयालदास बघेल, खाद्य मंत्री
विधायक नवागढ़ ( एससी)
रायपुर संभाग ( 12 भाजपा विधायक) वर्तमान में 1 मंत्री
टंकराम वर्मा, राजस्व मंत्री
विधायक बलौदाबाजार(ओबीसी)
बस्तर संभाग (8 भाजपा विधायक) वर्तमान में मंत्री 1
केदार कश्यप, वन मंत्री
विधायक नारायणपुर (एसटी)
मंत्रिमंडल में विस्तार को लेकर रमन सरकार में मंत्री रहे कई वरिष्ठ विधायकों के नाम लगातार चर्चाओं में चल रहे थे । अब इन चर्चाओं पर अब विराम लग गया है । साय सरकार में नए विधायकों को मौका दिया जा रहा है । हालांकि पुराने मंत्री अभी वर्तमान साय सरकार में बतौर विधायक शामिल हैं ।
रमन सरकार में जो मंत्री रहे ऐसे वरिष्ठ विधायक-
अजय चंद्राकर: कुरूद विधायक, ओबीसी ( रायपुर संभाग)
राजेश मूणत: रायपुर पश्चिम विधायक, अल्पसंख्यक, ( रायपुर संभाग)
अमर अग्रवाल: बिलासपुर विधायक, सामान्य वैश्य समाज ( बिलासपुर संभाग)
लता उसेंडी: कोंडागांव विधायक, एसटी ( बस्तर संभाग)
विक्रम उसेंडी: अंतागढ़ विधायक, एसटी ( बस्तर संभाग)
पुन्नूलाल मोहिले: मुंगेली विधायक, एससी ( बिलासपुर संभाग )
धरम लाल कौशिक: बिल्हा विधायक, ओबीसी (विधानसभा अध्यक्ष रहे हैं)
अन्य जानकारी
- 3 बार मुख्यमंत्री रहे डॉ रमन सिंह, सामान्य (राजनांदगांव विधायक) वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष हैं.
- किरण सिंह देव, सामान्य (जगदलपुर विधायक) वर्तमान में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष हैं.
- अल्पसंख्यक कोटे और वैश्य समाज से कोई भी मंत्री नहीं है.
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