रत्न, जैसे कि हीरा, पन्ना, माणिक, और नीलम, बहुत शक्तिशाली माने जाते हैं. इन्हें सीधे तौर पर ग्रहों से जोड़ा जाता है, और इनके प्रभाव भी बहुत तीव्र होते हैं. रत्न और उपरत्न पहनने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेना बहुत जरूरी है. वे आपकी कुंडली का विश्लेषण करके बता सकते हैं कि कौन सा रत्न या उपरत्न आपके लिए सबसे उपयुक्त होगा.

माणिक- यह सूर्य का रत्न है. इसे पहनने से आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और सामाजिक मान-सम्मान में वृद्धि होती है. यह सरकारी नौकरी और उच्च पद पाने में भी सहायक माना जाता है.

पन्ना – यह बुध का रत्न है. इसे धारण करने से बुद्धि, वाणी और व्यापार में सफलता मिलती है. यह एकाग्रता बढ़ाने और मानसिक शांति के लिए भी अच्छा है.

नील- यह शनि का रत्न है. इसे सबसे शक्तिशाली रत्नों में से एक माना जाता है. यह अचानक धन लाभ, सफलता और भाग्य में वृद्धि ला सकता है. हालाँकि, इसे बहुत सावधानी से पहनना चाहिए क्योंकि इसका प्रभाव बहुत तीव्र होता है.

पुखराज – यह बृहस्पति का रत्न है. इसे पहनने से ज्ञान, धन और वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है. यह शिक्षा और करियर में भी बहुत सहायक होता है.

हीरा – यह शुक्र का रत्न है. इसे पहनने से धन, ऐश्वर्य, सौंदर्य और सुख-सुविधाओं में वृद्धि होती है. यह कला और रचनात्मकता के क्षेत्र में भी सफलता देता है.

मूंगा- यह मंगल का रत्न है. इसे धारण करने से साहस, ऊर्जा और आत्मविश्वास बढ़ता है. यह रक्त संबंधी विकारों और मानसिक तनाव को दूर करने में भी मददगार है.

उपरत्न 

उपरत्न, रत्नों की तुलना में कम प्रभावी होते हैं, लेकिन ये भी बहुत उपयोगी होते हैं. ये किफायती होते हैं और रत्नों के स्थान पर भी पहने जा सकते हैं.

ओनेक्स – यह भी शनि का उपरत्न है. यह नीलम के समान ही लाभ दे सकता है, लेकिन इसका प्रभाव धीमा होता है. यह मानसिक तनाव कम करने और नकारात्मक ऊर्जा से बचाने में सहायक है.

फिरोजा – यह भी शुक्र का उपरत्न है. इसे पहनने से प्रेम संबंधों में मधुरता आती है और यह सौभाग्य लाता है.

हकीक – यह एक सुरक्षात्मक उपरत्न है जो बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है. यह मानसिक स्थिरता और भावनात्मक संतुलन के लिए भी अच्छा है.

टाइगर आई – यह साहस और आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए जाना जाता है. यह निर्णय लेने की क्षमता में सुधार करता है.