प्रमोद कुमार/कैमूर। जिले में भारत माला एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। सिहोरा मौजा स्थित कार्यस्थल पर किसान अपनी फसल और जमीन के उचित मुआवजे की मांग को लेकर उग्र हो गए और निर्माण कार्य रुकवा दिया। प्रशासन द्वारा जेसीबी मशीनों से खेतों में खड़ी धान की फसल को रौंदे जाने के बाद किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। विरोध की तीव्रता बढ़ने पर मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया।
धान कटने के बाद ही काम शुरू होगा
स्थानीय किसान विमलेश पांडे ने आरोप लगाया कि प्रशासन से पहले ही तय हुआ था कि धान कटने के बाद ही काम शुरू होगा। लेकिन अधिकारियों ने समझौते का पालन किए बिना फसल पर जेसीबी चला दिया। उन्होंने कहा, हमने विरोध किया तो हमें लाठी-डंडों से पीटा गया और 12 घंटे तक हिरासत में रखा गया। बाद में बांड भरने के बाद छोड़ा गया। हमारी सिर्फ एक मांग है उचित मुआवजा देकर ही काम शुरू किया जाए।
आंदोलन जारी रहेगा
किसान संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष मनु सिंह ने प्रशासन की नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि किसानों को समान मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा हमारी मांग है एक जिला, एक परियोजना, एक भूमि और एक मुआवजा। लेकिन प्रशासन अलग-अलग दरों पर मुआवजा दे रहा है। जहां सही मुआवजा मिला है, वहां कोई विरोध नहीं है। बाकी जगहों पर आंदोलन जारी रहेगा।
पीटा और गिरफ्तार कर लिया
वहीं किसान अरविंद कुमार ने बताया कि जब पुलिस दो किसानों सुरेंद्र और रमाकांत को घसीट रही थी, तो उन्होंने विरोध किया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें भी पीटा और गिरफ्तार कर लिया। किसानों का आरोप है कि प्रशासन मनमानी कर रहा है और किसानों की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है।
मामला सुलझाने की कोशिश जारी
चैनपुर अंचलाधिकारी ने इस पूरे मामले पर कहा कि किसान निर्माण कार्य बाधित कर रहे हैं। हम सिहोरा मौजा में किसानों से लगातार बातचीत कर रहे हैं। चार किसानों को डिटेन किया गया था क्योंकि वे काम की अनुमति नहीं दे रहे थे। मामला सुलझाने की कोशिश जारी है।
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