उत्तर प्रदेश सरकार ने साफ किया है कि प्रदेश में कहीं भी खाद-उर्वरकों की कमी नहीं है. सभी मंडलों में पर्याप्त मात्रा में खाद की उपलब्धता है और किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निरंतर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद से खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए कृषि विभाग के अफसरों ने सीमावर्ती जिलों में डेरा डाल दिया है.
नेपाल से सटे जिलों पर अधिकारियों की खास नजर है. टीम महराजगंज, सिद्धार्थनगर के अफसर निगरानी रखे हुए हैं. बहराइच, सोनभद्र में निदेशालय स्तर के अफसर निगरानी कर रहे हैं. समिति, निजी दुकानदारों से हर बोरी का सत्यापन किया जा रहा है. खाद की तस्करी, कालाबाजारी, जमाखोरी को ये अफसर चिन्हित कर रहे हैं.
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बता दें कि खरीफ 2024-25 में अब तक 32.07 लाख मीट्रिक टन खाद की बिक्री हुई है, जो पिछले वर्ष से 4.5 लाख मीट्रिक टन अधिक है. रबी 2025-26 सीजन के लिए सरकार ने 138.78 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खेती का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 4 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. किसानों को 10 लाख क्विंटल अनुदानित बीज और लगभग 12.80 लाख मिनी किट उपलब्ध कराई जाएंगी, जबकि गन्ना किसानों को दलहन-तिलहन की बोआई के लिए नि:शुल्क बीज दिए जाएंगे. सीमावर्ती जनपदों में खाद-यूरिया की तस्करी रोकने के लिए चौकसी बढ़ाई गई है और कालाबाजारी, जमाखोरी तथा तस्करी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई लगातार जारी है.
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